उत्तराखंड बीजेपी में खींचतान, विधायकों को लेकर विवाद से बड़ी मुश्किलें; प्रदेश अध्यक्ष ने किया जवाब तलब

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लोकसभा चुनाव निपटते ही उत्तराखंड भाजपा में खींचतान शुरू हो गई है। टिहरी और रानीखेत में भाजपा नेताओं के मध्य चल रहे वाक युद्ध ने पार्टी को असहज कर दिया है। Clash In Uttarakhand BJP प्रदेश भाजपा ने इसे गंभीरता से लेते हुए दो विधायकों, एक दायित्वधारी, एक पूर्व मंत्री व एक प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य को तलब किया है। ये सभी रविवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के समक्ष स्थिति स्पष्ट करेंगे। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने अंधाधुंध तरीके से कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं को अपनी पार्टी ज्वाइन करवाई। इसमें कई जगह से ऐसे नेता भी थे जो पिछले चुनाव में ही भाजपा के खिलाफ लड़े थे। वे लंबे समय से भाजपा की खिलाफत करते आ रहे थे। अब इन नेताओं के अचानक भाजपा में आ जाने से पुराने नेताओं में असंतोष पनपने लगा है।

पिछले कुछ दिनों से अपने राज्यसभा पद के शपथ ग्रहण और अन्य कामों में व्यस्त उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने फ्री होते ही इन सभी नेताओं को रिमांड पर लेने का फैसला लिया। प्रदेश अध्यक्ष ने इन सभी के साथ अलग-अलग बैठक के लिए साढ़े ग्यारह से डेढ़ बजे तक का समय निर्धारित किया है। टिहरी में पार्टी विधायक किशोर उपाध्याय और कुछ समय पहले भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री दिनेश धनै के मध्य टीएचडीसी में ठेकों को लेकर चल रहा आरोप-प्रत्यारोप सुर्खियां बना है। इसके साथ ही टिहरी से भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य खेम सिंह चौहान ने इंटरनेट मीडिया पर पार्टी लाइन के विरुद्ध जाकर पोस्ट की थी। उधर, रानीखेत में विधायक प्रमोद नैनवाल और दायित्वधारी कैलाश पंत के बीच मारपीट के एक मामले में जुबानी जंग चरम पर है। विवादों को लेकर मुश्किल में खड़ी भाजपा के लिए निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में संकट खड़ा हो सकता है।