Shravan Month: सनातन धर्म में भगवान शिव की आराधना करने के लिए सावन के महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि सावन मास में शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा बनी रहती है। इस बार सावन का महीना बेहद खास इसलिए है, क्योंकि इस बार सावन मास 59 दिनों का है, जिसमें 8 सोमवार पड़ेंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार, 4 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरु हो जाएगा और 31 अगस्त को सावन समाप्त होगा। 19 सालों बाद यह संयोग बना है कि सावन का महीना 59 दिनों का है और इसमें 8 सोमवार पड़ रहे हैं। सावन के महीने में 8 सोमवार पड़ने से शिवभक्तों में उत्साह भी दिखाई दे रहा है, जबकि उत्तराखंड के सभी जिलों में सावन को लेकर मंदिरों में विशेष तैयारी शुरु कर दी गई है।
श्रावण मास के पहले दिन मंगला गौरी व्रत, त्रिपुष्कर योग और शिव मास का शुभ संयोग बन रहा है, जो भक्तों के लिए कल्याणकारी होगा। पहले दिन दोपहर 11 बजकर 49 मिनट तक इन्द्र योग रहेगा, उसके बाद वैधृति योग लग जाएगा। इंद्र योग की बात करें तो इस योग के दौरान राज्य पक्ष के कार्यों में अथवा सरकारी कामों में सफलता जरूर मिलती है। वहीं अगर वैधृति योग की बात करें तो यह स्थिर कार्यों के लिए ठीक है परंतु यदि कोई भागदौड़ वाला कार्य अथवा यात्रा करनी हो तो इस योग में नहीं करनी चाहिए। पंडित अरुणेश मिश्रा ने बताया कि 19 साल बाद यह संयोग बना है कि सावन का महीना 59 दिन का है और इसमें 8 सोमवार पड़ेंगे। सावन का महीना 59 दिनों का होने के कारण महादेव के भक्तों को पूजा के लिए ज्यादा समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि सावन में सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद भगवान शिव को दूध और जल अर्पित करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।