ऋषिकेश का विश्व प्रसिद्ध एडवेंचर स्पोर्टस गंगा में वाइट रिवर राफ्टिंग एडवेंचर के शौकीनों को हमेशा ही अपनी ओर खींचता है। Rishikesh Ganga River Rafting यही कारण है कि देशभर से और विदेशों से बड़ी संख्या में साहसिक और एडवेंचर खेल के दीवाने ऋषिकेश का रुख करते हैं। हर साल गंगा का जलस्तर बढ़ने पर व्हाइट रिवर राफ्टिंग पर रोक लग जाती है, जिसके चलते राफ्टिंग कंपनियां 3 महीने अपने काम को बंद कर देती है। सितंबर के पहले हफ्ते में गंगा का जलस्तर कम होना शुरू हो जाता है। इसलिए राफ्टिंग सीजन की शुरुआत एक सितंबर के आसपास शुरू हो जाती है। लेकिन पर्यटन विभाग की ओर से अभी तक रीवर राफ्टिंग के लिए कोई तैयारियां नहीं की गई है, इसका कारण गंगा का जलस्तर है। गंगा का जलस्तर बढ़ने पर पर्यटन विभाग की ओर से एक सितंबर से गंगा में राफ्टिंग के लिए हरी झंडी नहीं दी गई है।
इस बार लगातार पहाड़ों पर हो रही बारिश ने और मानसून के लेट सीजन में उत्तराखंड में नदियों को उफान पर ला रखा है। जिसका सीधा असर गंगा और उसकी सहायक नदियों पर भी पड़ा है। यही कारण है कि सितंबर शुरू होने के बाद भी गंगा का जलस्तर कम नहीं हो पा रहा है। उम्मीद है कि 15 सितंबर तक नदी में रीवर राफ्टिंग का संचालन शुरू होगा। नदी का जलस्तर सामान्य रहा तो पर्यटन विभाग की ओर से एक टीम गंगा में रेकी करेगी। जलस्तर राफ्टिंग के उपयुक्त मिला तो विभाग की ओर से राफ्टिंग संचालन की हरी झंडी मिलेगी। गौरतलब है कि मुनि की रेती, तपोवन, लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम क्षेत्र में करीब 350 राफ्टिंग कंपनियां हैं। देश, विदेश के पर्यटक यहां राफ्टिंग के लिए पहुंचते हैं, जिन्हें राफ्ट संचालक मरीन ड्राइव, शिवपुरी, ब्रह्मपुरी, क्लब हाउस आदि जगहों से राफ्टिंग कराते हैं।