GEP Index की शुरुआत करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखण्ड, जानिए क्या होता है

मुख्यमंत्री धामी ने पारिस्थितिकी को अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए ‘‘उत्तराखण्ड सकल पर्यावरण उत्पाद सूचकांक’’ (जी.ई.पी) लॉच किया। जी.ई.पी का शुभारम्भ करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है।

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‘उत्तराखण्ड सकल पर्यावरण उत्पाद सूचकांक’ (जी.ई.पी) का शुभारम्भ करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य बन गया है। GEP Index Launched In Uttarakhand मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में पारिस्थितिकी को अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए ‘उत्तराखण्ड सकल पर्यावरण उत्पाद सूचकांक’ (जी.ई.पी) लॉच किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड देश का ही नहीं, बल्कि दुनिया का पहला राज्य बना गया है, जिसने सकल पर्यावरण उत्पाद सूचकांक (GEP Index) को लांच किया है। इसका भविष्य में उत्तराखंड को काफी फायदा मिलेगा। साथ ही अन्य राज्यों के लिए भी ये काफी फायदेमंद होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2010-11 के दौरान ग्रीन बोनस की परिकल्पना की थी, लेकिन उत्तराखंड राज्य को ग्रीन बोनस का लाभ नहीं मिल सका। जिसके चलते उत्तराखंड सरकार ने 21 दिसंबर 2021 को जीडीपी में पर्यावरण सेवाओं के मूल्य और पर्यावरण को हुए नुकसान की लागत के बीच अंतर को जोड़कर सकल पर्यावरण उत्पाद की परिभाषा को अधिसूचित किया था।

बैठक में हैस्को संस्था के प्रमुख पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने सकल पर्यावरण उत्पाद सूचकांक का प्रस्तुतीकरण करते हुए अवगत कराया गया कि विभिन्न विकासपरक योजनाओं, औद्योगिक प्रक्रियाओं व सरकार द्वारा बनाये गये नियमों इत्यादि के अनुपालन का जो परिणाम है वह सकल रूप से हमारी स्थानीय पर्यावरणीय गुणवत्ता पर देखने को मिलता है। पर्यावरणीय कारकों में हवा, पानी, मिट्टी, जंगल और अन्य कारकों में अगर सुधार हो रहा हो तो जीईपी सूचकांक में वृद्धि देखने को मिलती है। इससे ज्ञात होता है कि हमारा सिस्टम पर्यावरण के अनुकूल है और विकासात्मक गतिविधियों के बावजूद भी यह स्थिर और सुधारात्मक है। यदि हमारी पर्यावरण गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है और उसमें कोई गिरावट दिखायी दे रही है या उसमें कोई नकारात्मकता दिखायी दती है तो इससे जीईपी सूचकांक में गिरावट देखने को मिलती है।