उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों में प्रत्याशियों के चयन को लेकर कांग्रेस के भीतर प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। शुरुआती स्तर पर सभी दावेदारों को जिला कांग्रेस इकाइयों के माध्यम से अपने नाम प्रदेश चुनाव समिति को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए 15 दिसंबर की समय अवधि तय की गई है। जिलों से आवेदन मिलने के बाद प्रदेश चुनाव समिति टिकट के दावेदारों की छंटाई करेगी। पार्टी पहले ही टिकट तय करने के लिए अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। सत्ता पर अपनी दावेदारी पुख्ता करने के लिए पार्टी ने जिताऊ माने जाने वाले दावेदार पर ही दांव खेलने का मन बनाया है।
सिटिंग विधायकों का टिकट तय
इस कड़ी में मौजूदा विधायकों का टिकट तकरीबन तय बताया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल मौजूदा विधायकों को उनके प्रदर्शन के लिए बधाई दे चुके हैं। जिन प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होनी है, उनमें सिङ्क्षटग विधायकों का नाम तय माना जा रहा है। इसके साथ ही जिन पूर्व विधायकों की अपने क्षेत्रों में पकड़ मजबूत रही है और पिछले चुनाव में उन्हें बहुत कम मतों से हार का सामना करना पड़ा है, उनका टिकट तकरीबन तय है। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव भी पहले ही इस तरह के संकेत दे चुके हैं।
प्रदेश चुनाव समिति करेगी छंटाई
दरअसल प्रत्याशियों के चयन में प्रदेश चुनाव समिति को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। जिलों से भेजे जाने वाले नामों की छंटाई कर संभावित प्रत्याशियों के नामों का पैनल समिति को ही तैयार करना है। जिलों से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से पांच या ज्यादा नाम भेजे जा सकते हैं। इनमें से तीन-तीन नाम का पैनल प्रदेश चुनाव समिति तैयार करेगी। यही वजह है कि टिकट के दावेदारों की नजरें प्रदेश चुनाव समिति के रुख पर टिकी हैं। संभावित प्रत्याशियों ने प्रदेश चुनाव समिति के साथ ही दिग्गज नेताओं के चक्कर काटने शुरू कर दिए हैं। टिकट के दावेदार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम ङ्क्षसह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के साथ ही प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से भी लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।
सर्वे और पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट भी अहम
हालांकि टिकट के चयन का आधार सर्वे और पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट भी होगी। पार्टी विभिन्न स्तरों पर टिकट को लेकर सर्वे करा रही है। पर्यवेक्षकों को भी यह जिम्मेदारी दी गई है। सर्वे में विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति, जनता के साथ संपर्क और दावेदारों की छवि और सक्रियता को परखा जा रहा है। प्रदेश चुनाव समिति जिला इकाइयों की सिफारिश के साथ ही सर्वे रिपोर्ट और पर्यवेक्षकों की संस्तुति के आधार पर प्रत्याशियों के पैनल को अंतिम रूप देगी। प्रत्याशियों के चयन पर अंतिम फैसला केंद्रीय चुनाव समिति करेगी। प्रदेश की ओर से केंद्रीय चुनाव समिति को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से तीन-तीन नाम के पैनल भेजे जाएंगे।