Earthquake Alert System: उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन विभाग (यूएसडीएमए) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की की ओर से तैयार किए गए मोबाइल एप्लीकेशन ‘उत्तराखंड भूकंप अलर्ट’ एप को अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिए 350 नए सेंसर लगाने का निश्चय किया गया है, ताकि भूकंप की प्री-वेब का अधिक प्रभावी ढंग से मापन होने के साथ भूकंप अलर्ट एप के माध्यम से आमजन को तत्काल अलर्ट मिल सके।
यही नहीं, प्रदेशभर में आमजन को सूचना देने के उद्देश्य संवेदनशील और अधिक जनसंख्या वाले 800 स्थानों पर सायरन लगाए जाएंगे। अभी 70 स्थानों पर ही सायरन की व्यवस्था हैं। यूएसडीएमए की ओर से 58 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। इस अलर्ट सिस्टम को अधिक प्रभावी बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत सिन्हा ने बताया कि भूकंप की प्री-वेब आने पर राज्य में स्थापित अलर्ट सिस्टम जगह-जगह लगे सेंसर के माध्यम से इन्हें पकड़ता है और फिर भूकंप अलर्ट एप से अलर्ट जारी होता है।
उन्होंने बताया कि प्री-वेब के बाद एस-वेब आती है। प्री-वेब आते ही अलर्ट मिलने पर एस-वेब से बचाव को 20 से 40 सेकंड का समय मिल जाता है। केंद्र यदि इस प्रस्ताव को नामंजूर भी करता है तो उत्तराखंड दूसरी मदों से इस बजट की पूर्ति करेगा। आने वाले समय में राज्य में 500 से अधिक सेंसर स्थापित करके मौजूदा नेटवर्क को और अधिक सघन बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य न्यूनतम 5-10 किमी की दूरी पर कम से कम एक सेंसर लगाना है। उन्होंने कहा कि इन सेंसर का फायदा केवल उत्तराखंड ही नहीं दिल्ली सहित आसपास के राज्यों को भी होगा।