जी हां दोस्तो एक बड़ी खबर उत्तराखंड से संविदा कर्मचारिओँ के लिए आई, सरकार ने ले लिया बड़ा फैसला, नियमित होंगे संविदा कर्मचारी नोटिफिकेशन भी हो गया जारी, लेकिन इसमें एक पेंच अभी बांकी है। Contract employees will be regularized दोस्तो संविदा कर्मचारियों के लिए क्या अब वो खुशखबरी आ चुकी है। जिसका इंतजार कई सालों से संविधाकर्मी कर रहे थे, उत्तराखंड में संविदा कर्मचारियों के लिए इंतज़ार की घड़ी खत्म! सरकार ने लिया बड़ा फैसला और जारी कर दिया नोटिफिकेशन। लेकिन सवाल यह—कितने कर्मचारियों को मिलेगा नियमित होने का लाभ? किन विभागों पर पड़ेगा सीधा असर? और क्या ये फैसला राज्य की राजनीति में नया समीकरण बनाएगा? बताउंगा पूरी जानकारी आप अंत तक वीडियो में मेरे साथ जरूर बने रहिएगा क्योंकि संविदा कर्मचारियों के लिए यह सिर्फ खुशखबरी नहीं, बल्कि करियर बदल देने वाला मोड़ साबित हो सकता है। दोस्तो उत्तराखंड की धामी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आखिरकार नियमितीकरण को लेकर संशोधित नियमावली लागू कर दी है। इसके तहत अब प्रदेश में 10 सालों से नियत तिथि तक काम करने वाले कर्मियों को नियमित किया जा सकेगा। क्या है बल संशोधित नियमावली में किन कर्मचारियों और कब से मिलेगा फायदा।
दोस्तो उत्तराखंड में बीते लंबे समय से लंबित पड़े मामले में आखिरकार धामी सरकार ने फैसला ले लिया है। राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय के क्रम में विनियमितीकरण नियमावली-2013 में संशोधन करते हुए दैनिक वेतन, कार्य प्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ रूप में नियुक्त कार्मिकों का संशोधित विनियमितीकरण नियमावली-2025 जारी कर दी गई है। दोस्तो सचिव कार्मिक शैलेश बगोली द्वारा इस संबंध में शुक्रवार को अधिसूचना निर्गत की गई। संशोधित नियमावली के अनुसार अन्य शर्तें पूर्ण करने पर दैनिक वेतन, कार्य प्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ रूप से नियुक्त वे कार्मिक विनियमितीकरण के पात्र होंगे, जिन्होंने दिनांक चार दिसंबर 2018 तक इस रूप में कम से कम 10 वर्ष की निरन्तर सेवा उस पद या समकक्ष पद पर पूर्ण कर ली हो। वहीं दोस्तो संशोधन से पहले ये व्यवस्था थी कि नियमावली में उल्लिखित अन्य शर्तें पूर्ण करने पर दैनिक वेतन, कार्य प्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ रूप से नियुक्त वे कार्मिक विनियमितीकरण के पात्र थे, जिन्होंने साल 2013 की नियमावली के प्रख्यापन की तारीख को इस रूप में कम से कम पांच साल की निरन्तर सेवा उस पद या समकक्ष पद पर पूरी कर ली हो, हालांकि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पांच साल की इस नियमावली पर रोक लगा दी थी और 2018 के बाद से ही ये मामला लंबित है, हालांकि अब मामले में समय सीमा को 10 साल करते हुए संशोधित नियमावली लागू कर दी गई है।
दूसरी तरफ उपनल कर्मचारी भी इस नियमावली के आने के बाद खुद को भी नियमित करने की मांग कर रहे हैं और सरकार से इस पर गंभीरता से विचार करने की बात कह रहे हैं। दोस्तो इससे पहले उटसोर्स संविदा कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन दिए जाने का आदेश जारी किया गया। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के अनुसार पहले चरण में लगभग 5500 संविदा कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जाएगा। लंबे समय से नियमितीकरण और समान कार्य समान वेतन की मांग कर रहे इन कर्मचारियों के लिए राहत मिली है। ये कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगे सरकार के समक्ष रख रहे थे। उत्तराखंड सरकार ने उनकी मांगों को स्वीकार करते हुए समान काम के लिए समान वेतन दिए जाने का आदेश जारी कर दिया है। इसके बाद आप सभी कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से समान काम के लिए समान वेतन दिया जाएगा।