यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कांड में नौ और आरोपियों को अदालत से जमानत मिल गई है। इसी के साथ अब तक पकड़े गए कुल 41 आरोपियों में से 18 जमानत पा गए हैं और अब हाकम सिंह रावत और मास्टरमाइंड मूसा सहित सिर्फ 23 आरोपी सलाखों के पीछे बचे हैं। चिंताजनक तथ्य यह है कि जिन 18 आरोपियों को जमानत मिल गई है, उनमें नौ आरोपियों को गैंगस्टर एक्ट के तहत अरेस्ट किया गया है। जिसके बाद विपक्ष लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहा है। इस बीच एसटीएफ जिला कोर्ट द्वारा ऐसे संगठित गिरोह को चलाने वाले माफियाओं की जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगी।
बता दें कि एसटीएफ ने कुल 42 लोगों को स्नातक परीक्षा लीक प्रकरण में गिरफ्तार किया है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा वर्ष 2021 में आयोजित वीपीडीओ भर्ती पेपर लीक प्रकरण में जांच जारी है। अभी हाल ही में एसटीएफ ने 42वें अभियुक्त योगेन्द्र सिंह निवासी धामपुर को परीक्षा लीक प्रकरण में संलिप्तता पाए जाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। सवाल है कि अदालत में सरकारी पक्ष की दलीलें आरोपियों के लिए बेड़ियां क्यों नहीं बन पा रही हैं? आखिर आरोपियों की ताबड़तोड़ अरेस्टिंग से सीएम धामी को जो धाकड़ वाली इमेज बनी उसे बरकरार रखने के लिए आरोपियों को महज गिरफ्तार नहीं बल्कि सजा दिलाकर नकल माफिया के खिलाफ जंग को अंजाम तक लेकर जाना होगा वरना युवाओं का होता मोहभंग 2024 की चुनौती को और कठिन बना सकता है।