उत्तराखंड सड़क सुरक्षा पॉलिसी: सड़क हादसे रोकने के लिए होगा पौधरोपण, स्कूलों में पढ़ाई जाएगी सड़क सुरक्षा

प्रदेश में सड़क हादसे रोकने के लिए पर्वतीय मार्गों पर सड़क किनारे पाैधराेपण किया जाएगा। नई सड़क सुरक्षा नीति में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। स्कूलों में बच्चों को कक्षा एक से सड़क सुरक्षा पढ़ाई जाएगी।

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उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर कदम उठाए जाते रहे हैं। लेकिन अभी तक कोई भी बड़ी सड़क दुर्घटना होने पर किसी विभाग की जिम्मेदारी तय नहीं हो पाती थी। Road Safety Policy Uttarakhand सड़क हादसे रोकने के लिए सड़क सुरक्षा नीति के प्रस्ताव को मंजूरी दी और इसमें 19 विभागों की जिम्मेदारी तय कर दी। प्रदेश में सड़क हादसे रोकने के लिए पर्वतीय मार्गों पर सड़क किनारे पाैधराेपण किया जाएगा। नई सड़क सुरक्षा नीति में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। स्कूलों में बच्चों को कक्षा एक से सड़क सुरक्षा पढ़ाई जाएगी। कॉलेज से लेकर आमजन तक जागरूकता के कार्यक्रमों पर भी जोर दिया गया है। पर्वतीय मार्गों पर क्रैश बैरियर, ब्लैक स्पॉट व दुर्घटना संभावित क्षेत्रों का त्वरित सुधार, सड़कों पर खोदाई, गड्ढे करने, सड़क किनारे भवन निर्माण सामग्री के भंडारण को लेकर लोनिवि को गाइडलाइन तैयार करनी होगी।

इस पॉलिसी के आने के बाद अब विभाग किसी भी सड़क दुर्घटना पर अपना पलड़ा नहीं झाड़ पाएंगे। खास तौर से लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग की सड़क सुरक्षा में किस तरह भूमिका होगी और सड़क दुर्घटना होने पर दुर्घटना की वजह साफ होने की स्थिति में किस विभाग की जिम्मेदारी बनेगी। इसे भी पॉलिसी में स्पष्ट किया गया है। उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से तमाम स्तरों पर प्रयास किया जा रहे हैं। लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकारियों, कर्मचारियों की कमी होने के चलते प्रवर्तन की कार्रवाई सही ढंग से नहीं हो पा रही है। जिसको देखते हुए परिवहन विभाग के संरचनात्मक ढांचे में परिवहन सेवा संवर्ग में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के 10 और पद सृजित कर दिए हैं।