Uttarakhand Tunnel Rescue Operation : महादेव के हस्तक्षेप से कैसे बौखनाग देवता का गुस्सा हुआ शांत

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एक स्याह रात की सुबह हो गई… चमत्कार हो गया… महादेव का आशीर्वाद मिला… बौखनाग देवता का गुस्सा शांत हो गया…
महादेव ने अपना रुप दिखाया… बौखनाग देवता की नाराजगी हो गई दूर… तो अब चमत्कार हो गया…
41 मजदूरों की जिंदगियों को मिली अंधकार से मुक्ति… उनकी जिंदगियों में फैला प्रकाश तो पीएम मोदी खुश है… सीएम धामी तो भावुक हो गए

जीहां 16 दिनों की उस स्याह रात की आखिरकार सुबह तो आ ही गई… अंधेरे से उन्हें मुक्ति मिल ही गई… धड़कने जो अनियंत्रित रही अब वो अपनी रफ्तार से चल रही है… बेचैनी उन 41 मजदूरों को लेकर खत्म हो गई… दिल और दिमाग राहत की सांस ले रहा है… ये चमत्कार ही है… जो महादेव के आशीर्वाद से हुआ… जो बौखनाग देवता की नाराजगी दूर हुई तो परिणाम समाने आ गया… लेकिन सवाल है… महादेव के हस्तक्षेप से कैसे बौखनाग का गुस्सा शांत हुआ… बताएंगे आपको… लेकिन ये भी बात गौर करने लायक है… खुशी के उस पल की गूंज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक शायद पहले ही पहुंच गई… तभी तो वो कहने लगे खुशखबरी आने वाली है… मोदी के प्रार्थना से जनता ने जैसे ही कनेक्ट किया है… परिणाम आ गया… मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भावुक है… शायद कई दिनों से सोए नहीं होंगे… अब भरपूर नींद लेंगे… राहत की सांस जरूर लेंगे….सीएम धामी गवाह बने एक ऐसे पल का जिसका बेसब्री से इंतजार ना सिर्फ उत्तराखंड कर रहा था… बल्कि देश को इस पल का इंतजार था… आखिरकार 41 जिंदगियों का सवाल था… उन जिंदगियों से जुड़े परिवारों की भावनाओं का मसला था… इन 16 दिनों में बहुत कुछ ऐसा हुआ… जिससे उम्मीदें बंधी, उम्मीदें टूटी, फिर बंधी फिर टूटी और आखिरकार सुरंग में कैद 41 लोगों की उम्मीदें जीत गई… उनके परिवारों की उम्मीदों के पक्ष में परिणाम आया…. लाखों करोड़ों लोगों की दुआओं ने अपनी ताकत दिखाने में कामयाबी हासिल की…
अभी एक दो दिन पहले की ही तो बात इंटरनेशन टनल एक्सपर्ट अर्नाल्ड डिक्स 25 दिसंबर तक मजदूरों की निकलने की बात कह रहे थे… फिर अचानक से रास्ते कैसे आसान होते गए… ऐसा क्या हुआ एक कोशिश के बाद अचानक से सबकुछ ठीक होने लगा… जिसकी उम्मीद किसी ने की थी वही अचानक होने लगा… कहा जाता है… सिल्क्यारा टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीर रैट माइनर्स टीम ने बदल दी… रैट माइनर्स टीम लगातार 27 नवंबर से काम कर रही थी… जिसके बाद अब ये परिणाम मिला है… रैट माइनर्स को लेकर लोग सवाल कर रहे हैं कि जो काम अमेरिकी ऑगर मशीन नहीं कर पाई, वो रैट माइनर्स किस प्रकार कर रहे हैं? इस पूरे प्रोसेस का एक वीडियो सामने आया है… इसमें रैट माइनर्स स्केप टनल में भीतर जाकर हाथ से मलबे को खोदते नजर आए… इसके बाद जमा होने वाले शिल्ट को लेने के लिए बाहर से ट्रॉली खींचते हैं… उसमें शिल्ट भरते हैं… बाहर में खड़े अन्य माइनर्स इस शिल्ट को खींच रहे हैं…
16 दिन बीत चुके थे… सिलक्यारा टनल में 41 मजदूर फंसे हुए था… माना जा रहा है… बौख देवता की नाराजगी की वजह से ऐसा हुआ… वो गुस्से में हैं… इस वजह से ऐसा हुआ… लेकिन तभी कुछ ऐसा चमत्कार हुआ… कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से सब कहने लगे लेकिन बौख देवता की नाराजगी को दूर करने के लिए खुद महादेव आ गए… सब कहने लगे ब्राह्मांड के पालनहार ने पहल कर दी… कुछ इस तरह के संकेत दिए… जिसे देखकर ऐसा लगा चराचर जगत के रखवाले भोले शंकर ने सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को अपना आर्शीवाद दिया… संकेत 27 नवंबर को मिले थे… और परिणाम 28 नवंबर को आ गया… भोलेनाथ की कृपा बरसी तो बौखनाग देवता का गुस्सा शांत हुआ… सुरंग में कैद में 41 मजदूरों को निकालने में कामयाबी मिली… दरअसल 27 नवंबर को सिलक्यारा टनल के बाहर ऐसी आकृति दिखी, जो चर्चा का विषय बन गई… सुरंग के ठीक बाहर मौजूद बाबा बौखनाग मंदिर के पीछे पानी से कुछ ऐसी आकृति बनी, जो भगवान शंकर की प्रतिमा जैसी दिखी… इसकी तस्वीरें और वीडियो देखते-देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है…
सुरंग से मजदूरों को निकालने के लिए ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की जा रही थी, लेकिन ये मलबे में फंस गई थी… बाबा बौखनाग का मंदिर ठीक उस सुरंग के बाहर है, जिसमें मजदूर फंसे थे…. जब सुरंग का निर्माण शुरू हुआ तो मंदिर को उसके मूल जगह से हटाकर सुरंग के अंदर कोने में स्थापित किया गया था… हालांकि हादसे के बाद मंदिर को दोबारा पहले वाली जगह पर स्थापित कर दिया गया है…. रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे तमाम कर्मचारी बाबा बौखनाग की पूजा-अर्चना भी कर रहे थे… लेकिन कोई अब तक परिणाम नहीं निकला… लेकिन उत्तरकाशी में रेस्क्यू ऑपरेशन का जैसे ही 16वां दिन आया… रेस्क्यू के बीच उत्तरकाशी में टनल के बाहर चौंकाने वाली घटना हुई … यहां टनल के बाहर भगवान शिव जैसी आकृति उभर आई है… टनल के बाहर स्थापित बौखनाग देवता के मंदिर के पीछे भगवान शिव जैसी आकृति उभरी है… शिव जैसी ये आकृति पानी के रिसाव से बनी है…. ये पानी कहां से आ रहा है… इसका पता नहीं है. हालांकि, पानी का रिसाव और भी कई जगह हो रहा है लेकिन ऐसी आकृति और कहीं नहीं बनी है…बाबा बौखनाथ सिलक्यारा सहित क्षेत्र की तीन पट्टियों के ईष्ट देवता हैं. मंदिर के अंदर भगवान नागराज की प्रतिमा है… इलाके के लोग यहां कड़ाही भी चढ़ाते हैं…