Uttarakhand Electricity Crisis: ऊर्जा प्रदेश उत्तराखंड बिजली संकट से जूझ रहा है। ऊर्जा विभाग इस दिक्कत को दूर करने के लिए कई प्रयोग कर भी चुका है और नए प्रयोग करने की ओर अग्रसर भी है। बिजली संकट के बीच आखिरकार केंद्र ने राज्य को राहत दी है। दरअसल केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने राज्य को अब 31 मार्च तक 300 मेगावाट बिजली का विशेष कोटा दिए जाने की मंजूरी दे दी है। हालांकि इसके बावजूद भी उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने साफ कर दिया है कि राज्य में या तो बिजली के दाम बढ़ाने होंगे, नहीं तो लोगों को बिजली कटौती के लिए तैयार रहना होगा।
राज्य को केंद्र के अनावंटित (अन एलोकेटेड) कोटे से मिल रही 300 मेगावाट बिजली की मियाद 28 फरवरी की रात को खत्म हो गई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम और यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने अपने-अपने स्तर से कोटे को बढ़ाने की मांग की थी। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस पर सैद्धांतिक सहमति भी दे दी थी। मंगलवार की देर रात ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए। अब 300 मेगावाट (72 लाख यूनिट) बिजली राज्य को 31 मार्च तक मिलेगी। यूपीसीएल एमडी अनिल कुमार ने बताया कि बृहस्पतिवार से अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह का आभार व्यक्त किया है। बिजली संकट को देखते हुए विभागीय मंत्री एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह को फोन किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को प्रदेश से जुड़े हालात बताए। चारधाम यात्रा के मद्देनजर बिजली किल्लत की ओर ध्यान खींचा। इसके बाद ऊर्जा मंत्री ने हरी झंडी दे दी। बिजली की कमी की वजह से प्रदेशभर में कुछ जगहों पर बुधवार को कटौती भी की गई। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा कटौती हुई।