Uttarkashi Tunnel Rescue : टनल रेस्क्यू के लिए आया दिल्ली का ‘Munna Bhai’ | Tunnel Collapse

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उत्तरकाशी सुरंग के पास एक शख्स आया… दिल्ली से आया है… उसने दावा किया किसी की मत सुनना क्यों अब मुन्ना आ गया है
दिल्ली से मुन्ना आया… मुनना जो वादा किया… जो कॉन्फिडेंस दिखाया… तो सबके दिलो दिमाग में सवाल आया कौन है मुन्ना
दिल्ली से आए मुन्ना ने बताया कैसे पहुंचेंगे 41 मजदूरों तक?… जिसने सुना उसने कहा, वाह! मुन्ना तुम कर दिखाओगे

उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग के आसपास जो भी मौजूद है उसकी जुबां पर मुन्ना का नाम है… सिलक्यारा पहुंचते ही मुन्ना जो वादा किया… जिस कॉन्फिडेंस के साथ कहा… अपनी योग्यता दिखाने के लिए, क्षमता को बताने के लिए जो वादा किया… उसे जानकार, जानकार के मन से सारे सवाल खत्म हो गए… एक ही बात गूंजने लगे… मुन्ना ने जो कहा है… वो कर दिखाएगा… अपने किए वादे पर अमल करके दिखाएगा… जो विश्वास दिलाया… उसे निभाकर ही रहेगा… मुन्ना करके दिखाएगा… अपने वादों को सौ फीसदी पूरा करेगा… आ गया है मुन्ना… अब पूरा देश मुन्ना की कही बातों का असर देखेगा… तो कौन है मुन्ना है… जिसकी चर्चा खूब हो रही है… जिसके विश्वास के साथ टनल एक्सपर्ट अपना विश्वास दिखा रहा है… आखिर मुन्ना में क्या खास बात है… जिसकी वजह से सब उसपर विश्वास कर रहा है…
दरअसल उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकालने की जद्दोजहद जारी है…ऑग र मशीन के आगे के हिस्से टूटने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा है। जिस वजह से अब पूरा काम मैन्युअल किया जा रहा है… अब तक करीब 48 मीटर की एस्केप टनल तैयार हो चुकी है… जबकि करीब 57 मीटर की टनल तैयार करने का लक्ष्य रखा गया … इसके बाद ही अंदर फंसे 41 मजदूरों को बाहर रेस्क्यू किया जा सकता है… लेकिन फिलहाल एस्केप टनल के अंदर करीब 30 मीटर तक मशीन के कुछ पार्ट्स को काटने और बाहर निकालने का काम जारी है… इस काम के लिए प्लाज्मा मशीन भी मंगाई गई है… एक्सपर्ट्स का दावा है कि इस काम को करने में कम से कम एक से 2 दिन का समय लग सकता है…
इसी वजह से मैन्युअल तरीके से आगे का रास्ता बनाने का काम शुरू हो चुका है… इसके लिए दिल्ली से एक टीम आय़ी है… ये टीम आगे के सरिये के जाल सीमेंट और मिट्टी को हटाने का काम करेगी… इस टीम के सदस्य दिल्ली से आए मुन्ना भी है… मुन्ना ने बताया कि
उन्हें करीब 11 से 12 मी अंदर मैन्युअल काम करना होगा… इसके लिए उन्हें तीन तरह की मशीन भी साथ में ले जाने होगी एक गलेंडर, जिसे सरिया पाइप और लोहा काटा जाता है, दूसरा गोदाली जिस मिट्टी को हटाया जाता है, और तीसरा हिल्टी जिससो पत्थर तोड़े जाते हैं… 
मुन्ना के मुताबिक पांच वर्कर अभी सिल्क्यारा आए है… जबकि 6 और साथी उनके साथ इस मिशन में जुड़ें.. मुन्ना ने बताया कि
 उन्हें करीब 15 से 20 साल का अनुभव है… साथ ही उनकी टीम के एक-एक व्यक्ति को 6-6 घंटे काम कर सकते हैं… उनके सामने करीब 6 से 8 मी का टारगेट है… जिसमें सरिया के जाल, कंक्रीट और पत्थर के अलावा मिट्टी को हटाने की चुनौती है
हालांकि मुन्ना का दावा है कि वह इस चुनौती के लिए तैयार हैं और उनकी पूरी टीम को विश्वास है कि वह जल्द ही इस चुनौती को पार कर मजदूरों तक पहुंचेंगे.. आपको बता दें कि रेस्क्यू अभियान के दौरान जो जो अड़चनें आ रही है… उनको हटाने और आगे का रास्ता तैयार करने के लिए सरकार और एजेंसियां लगातार युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं… हालांकि जिस तरह चट्टान को पार करने में परेशानी हो रही है ऐसे में यह कह पाना की रेस्क्यू अभियान कब तक पूरा होगा… ये कहना जल्दबाजी होगा…फिलहाल सबको एक नई सुबह का नई उम्मीद के साथ इंतजार है जब सुरंग में फंसे 41 मजदूर निकलेंगे…