चारधाम यात्रा 2023: सोमवार को श्री बदरी केदार मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 76 करोड़ से ज्यादा का बजट पास किया है. इस दौरान बोर्ड बैठक में आगामी चारधाम यात्रा के दौरान मंदिरों में दर्शन से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए हैं। बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। बोर्ड बैठक में अगले वित्तीय वर्ष के लिए समिति ने 76 करोड़ 25 लाख से ज्यादा का बजट प्रस्ताव पास किया है।
ऐसे में बद्री केदार मंदिर समिति अगले एक साल में चारधाम यात्रा के दौरान व्यवस्था बनाने, मंदिरों में दर्शन के लिए सुविधाएं बढ़ाने और अन्य अवस्था अपना विकास के लिए 76 करोड़ से ज्यादा पैसा खर्च करेगी. वहीं आज बोर्ड बैठक के दौरान एक जूनियर इंजीनियर और एक महिला कर्मचारी को बर्खास्त भी किया गया है।मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मंदिर समिति द्वारा लंबे समय से मंथन किया जा रहा था और तमाम व्यवस्थाओं को लेकर के रणनीति तैयार की जा रही थी, जिसके बाद आज बोर्ड बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं।
VIP दर्शनों के लिए 300 रूपये का शुल्क: बीकेटीसी ने पिछले दिनों देश के चार प्रमुख मंदिरों से तिरुपति बाला जी, श्री वैष्णो देवी, श्री महाकालेश्वर व श्री सोमनाथ मंदिरों में पूजा, दर्शन आदि व्यवस्थाओं के प्रबंधन के अध्ययन के लिए चार दल भेजे थे। उनकी रिपोर्ट की संस्तुतियों के आधार पर बीकेटीसी ने श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ मंदिरों के दर्शनों के लिए आने वाले सभी तरह के वीआईपी से विशेष दर्शनों व प्रसाद के लिए प्रति व्यक्ति तीन सौ रूपये का शुल्क निर्धारित किया है।
बीकेटीसी के कार्मिक ही देखेंगे प्रोटोकॉल की व्यवस्था: प्रोटोकॉल के तहत दर्शनों के लिए आने वाले वीआईपी आदि को बीकेटीसी के कार्मिक ही मंदिरों में दर्शन कराने और प्रसाद वितरण इत्यादि की जिम्मेदारी संभालेंगे। इससे वीआईपी सुविधा के नाम पर अव्यवस्था पैदा नहीं होगी। अभी तक वीआईपी को दर्शन कराने के लिए पुलिस, प्रशासन, बीकेटीसी आदि अपने – अपने तरीके से दर्शन व्यवस्था संभालते हैं।
बीकेटीसी के कार्मिक नहीं लेंगे दान –दक्षिणा: श्रद्धालु मंदिर के लिए जो भी दान अथवा चढ़ावा देते हैं, उसे बीकेटीसी के वेतनधारी पुजारी और कर्मचारी ग्रहण नहीं करेंगे। पूजा व्यवस्था से जुड़े कार्मिक श्रद्धालुओं को दान – चढ़ावे को दान पात्र में डालने को प्रेरित करेंगे। अन्यथा कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
दान- चढ़ावे की गिनती के लिए विशेष व्यवस्था: मंदिरों को मिलने वाली दान चढ़ावे की गिनती के लिए पारदर्शी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए दोनों धामों में पारदर्शी शीशे के हट बनाये जाएंगे। इनको सीसीटीवी कैमरों से लेस किया जाएगा।
सूचना प्रौद्योगिकी इकाई की स्थापना: बीकेटीसी में आइटी संबंधी कार्यों को मजबूती देने के लिए स्वयं की सूचना प्रौद्योगिकी इकाई गठित जाएगी। इससे ई-ऑफिस की स्थापना, विभिन्न अनुभागों को कम्प्यूटरीकृत करने आदि में आसानी होगी।
अस्थायी कार्मिकों को ईपीएफ सुविधा: बीकेटीसी के अस्थायी कार्मिकों के भविष्यगत लाभों को संरक्षित करने की दृष्टि से उन्हें ईपीएफ की सुविधा दी जाएगी।
केदारनाथ धाम में लगेगा 100 किग्रा का अष्टधातु का त्रिशूल: केदारनाथ धाम आगामी यात्राकाल के प्रारम्भ में एक दानीदाता के सहयोग से 100 किग्रा का अष्टधातु का त्रिशूल स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ के जीर्ण शीर्ण सभा मंडप का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा।