उत्तरकाशी में डुंडा विकासखंड के मातली गांव में दो गदेरे उफान पर आने के कारण कई घरों में पानी घुस गया। इससे 20 घरों के लोगों ने नजदीकी होटलों में शरण ली। वहीं मलबा आने के कारण गंगोत्री हाईवे भी करीब पांच घंटे बंद रहा। Uttarkashi Dharali Disaster बीआरओ ने मलबा हटाकर हाईवे पर आवाजाही सुचारू की। बारिश के बाद मातली में दुग्धडेयरी और आंबेडकर भवन के समीप दो बरसाती गदेरों में जलस्तर बढ़ने के कारण वे उफान पर बहने लगे। इससे करीब 20 घरों में पानी और मलबा घुस गया। गदेरे में पानी बढ़ने डरे लोगों ने रतजागा करने के साथ ही घर छोड़कर होटलों में चले गए। वहीं मातली में गंगोत्री हाईवे पर मलबा आने के कारण आवाजाही करीब पांच घंटे बंद रही।
हर्षिल-धराली में कृत्रिम झील बनने से गंगोत्री हाईवे 15 दिनों से बाधित है। चैनलाइजेशन के प्रयास विफल रहे हैं। भागीरथी नदी का पानी हाईवे पर बह रहा है। सेना की मशीनें दलदल में फंस रही हैं जिससे मुश्किलें बढ़ गई हैं। स्थानीय लोग हाईवे को जल्द बहाल करने की मांग कर रहे हैं ताकि भारी मशीनें पहुंचाई जा सकें। पिछले 15 दिनों से गंगोत्री हाईवे का 100 मीटर हिस्सा हर्षिल-धराली में बनी कृत्रिम झील के कारण डूबा हुआ है। चैनलाइजेशन के काम के बावजूद झील को खोलने में आशातीत सफलता नहीं मिल पा रही है। हालांकि पूर्व में चैनलाइजेशन के काम से झील का पानी कुछ कम जरुर हुआ था। लेकिन हाईवे की ओर बह रही भागीरथी नदी का पानी नहीं उतरने से वाहनों व मशीनों का आवागमन नहीं हो पा रहा है।