उत्तरकाशी सुरंग में 41 मजदूरों को लेकर PM Modi को टेंशन | Uttarakhand Tunnel Collapse

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त जितनी टेंशन में हैं… शायद ही इससे पहले कभी हुए हो
13 दिनों से उनकी आंखे समस्या के समाधान का रास्ता ढूंढ रही है… वो वहां ना होकर भी मौजूद हैं…
41 मजदूरों की सलामती के लिए पीएम मोदी के प्रयासों को नकारा नहीं जा सकता है… उत्तरकाशी में सीएम धामी की मौजूदगी इसकी गवाही दे रही है

कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पनौती मानते हैं… पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीएम मोदी से हालांकि मुस्कुराते हुए मिलती है… लेकिन जब बात निशाने पर लेने की होती है… तो वो उन्होंने इंडायरेक्टली पापियों की श्रेणी में रखती है… हर कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने निशाने पर लेने से चुकते नहीं है… लेकिन क्या उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा जज्बा है… पीएम मोदी जैसा दिल है… पीएम मोदी जितनी सियासत को संजीदगी के साथ जीने का सलीका है… सत्ता को सब्र के साथ जीने का मंसूबा है…
पीएम मोदी हर किसी के लिए सोचते हैं… इसका सबूत मिल गया है… वो जितना ध्यान ऊपर वालों को देते हैं… उससे कही ज्यादा जमीन पर देश की नींव को मजबूत करने वालों में खुद को ढूंढते हैं… अगर उनके चेहरे पर मुस्कान होती है… तो पीएम मोदी खुश होते हैं… चेहरे पर एक अलग ही तरह का विश्वास आता है… अगर वो संकट में होते हैं… तो पीएम मोदी टेंशन में होती है… यकीन नहीं होता है… उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पूछ लीजिए… एक दिन में कितनी बार फोन उनके पास सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को लेकर आते हैं…धामी उत्तरकाशी में क्यों जमे हुए है… पीएम मोदी अब से पहले इतने परेशान नहीं थे… जितने की उत्तराखंड में पिछले 13 दिनों से फंसे श्रमिकों को लेकर हैं…. पिछले 13 दिनों में से कोई भी ऐसा एक दिन नहीं गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टनल में फंसे 41 मजदूरों को लेकर हर दिन अपडेट ना लिया है… हर दिन, सुबह हो या शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र के मोबाइल फोन से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के फोन पर रिंग जरूर होता है… हर दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुष्कर सिंह धामी से सिलक्यारा टनल को लेकर अपडेट लेते है… क्या हुआ, किस तरह से काम हो रहा है… किस तरह की दिक्कतें आ रही है… मजदूरों को सुरंग से निकालने के लिए और क्या चाहिए… जो भी जरूरत सीएम धामी को महसूस होता है… वो खुलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बताते हैं… पीएम मोदी उनकी ख्वाहिशों को पूरा करते हैं… 24 नवंबर को एक बार फिर पीएम मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर राहत और बचाव अभियान पर अपडेट ली है…. इसके साथ ही उन्होंने मजदूरों के निकाले जाने के बाद उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाने और बाद में उन्हें घर भेजने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं…सूत्रों ने बताया है कि वो रोज पुष्कर सिंह धामी को फोन कर टनल में फंसे मजदूरों की सेहत का अपडेट ले रहे हैं… 24 नवंबर को हुई बातचीत के दौरान भी पीएम मोदी को मुख्यमंत्री ने उन्हें राहत और बचाव अभियान में आ रही बाधा पर विस्तार से जानकारी दी है…. फोन पर मुख्यमंत्री ने पीएम को अवगत कराया कि न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड से इस सुरंग का निर्माण किया जा रहा है… इस्पात से बनी वस्तुओं के ऑगर मशीन के सामने आने पर कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है… ऐसे में ऑगर मशीन को रोककर और फिर उसे बाहर निकालकर सभी अवरोधों को हटाया जा रहा है, जिसके कारण इस प्रक्रिया में समय लग रहा है… मुख्यमंत्री को इस दौरान प्रधानमंत्री ने विशेष निर्देश दिए कि जब श्रमिक टनल से बाहर निकलेंगे तो उनके स्वास्थ्य परीक्षण और चिकित्सकीय देखभाल पर भी विशेष ध्यान दिया जाए…. प्रधानमंत्री ने मजदूरों को दिए जाने वाले भोजन के बारे में भी पूछा है…. इसके अलावा बचाव अभियान में जुटे लोगों की सुरक्षा के बारे में भी निर्देश दिए… उन्होंने मजदूरों के परिजनों के बारे में भी जानकारी ली और बचाव अभियान में जुटी एजेंसियों के बीच तालमेल की नसीहत दी ..है.
मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को बताया है कि उत्तरकाशी में अस्थाई कैंप बनाकर वह खुद बचाओ अभियान की निगरानी कर रहे हैं… 6 इंच व्यास के पाइप लाइन के माध्यम से टनल में फंसे श्रमिकों तक ताजा पका भोजन, फल, ड्राई फ्रूट्स, दूध, जूस के साथ ही डिसपोजेबल प्लेट्स, ब्रश, तौलिया, छोटे कपड़े, टूथ पेस्ट, साबुन, आदि दैनिक आवश्कता की सामग्री बोतलों में पैक कर भेजी जा रही है… इसी पाइप लाइन के जरिए एसडीआरएफ द्वारा स्थापित कम्युनिकेशन सेटअप के माध्यम से श्रमिकों से नियमित संवाद किया जा रहा है…. इसी माध्यम से श्रमिकों और उनके परिवार जनों को भी बातचीत कराई जा रही है… मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं भी इसी माध्यम से श्रमिकों का हाल-चाल जाना है… तो क्या कहेंगे… पीएम मोदी को एक्शन को देखकर यही कहेंगे ना… मोदी तो मजदूरों के हैं… मोदी हमारे आपके सबके हैं… मोदी है तो मुमकिन है…