‘संजवनी’ को असरदार बनाने में लगे ‘हनुमान | Uttarakhand Tunnel collapse

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उम्मीद का एक और दिन… ड्रिलिंग रुकी पर अब इस प्लान पर होगा अमल
टनल से 41 मजदूरों को निकालने के प्रयासों को झटका… खराब हो गई ‘संजीवनी’ माना जा रही ऑगर मशीन
जिस ऑगर मशीन को बताया जा रहा टनल में फंसे मजदूरो के लिए संजीवनी… उसमे बार बार क्यों आ रही गड़बड़ी ?

वाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर निकले की उम्मीद लगाए हैं… उन्हें बाहर निकालने की पूरी कोशिशें हो रही हैं लेकिन हर बार मशीन के आगे बाधा आ रही है… उत्तरकाशी में चारधाम राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने की जारी कवायद को एक और झटका लगा है… पहाड़ ने फिर से परीक्षा ली है… 41 मजदूरों को निकालने में संजीवनी का काम कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन खराब हो गई है… अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स का एक बयान आया है… जिसमें वो कह रहे हैं… उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए जिस ऑगर मशीन से ‘ड्रिल’ की जा रही थी, वो खराब हो गई है….अबतक उम्मीद की जा रही थी कि जल्दी ही पहाड़ का सीना चीरकरर ये सभी मजदूर आज बाहर निकल आएंगे. मगर ऑगर मशीन के खराब होने से इंतजार और लंबा हो सकता है…
अमेरिकी ऑगर मशीन को टनल में फंसे मजदूरों के लिए संजीवनी बताया जा रहा है… रेस्क्यू कर रही टीमों को इस भारी भरकम सी दिखने वाली मशनी से काफी उम्मीदें हैं ऐसा इसलिए क्योंकि ये मशीन 5 मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सुरंग में जमा मलबे को ड्रिल कर सकती है… ये मसीऩ टनल में फंसे मजदूरों से सबसे करीब है… ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि बार बार ऑगर मशीन में गड़बड़ी क्यों आ जा रही है… ऑगर मशीन मलबे में ड्रिलिंग कर पाइप अंदर डाल रही है… इसी के जरिए फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा… मलबे के अंदर मेटल हैं जिन्हें ये मशीन आसानी से ड्रिल नहीं कर पा रही है… रेस्क्यू टीम ने 23 नवंबर की रात गैस कटर की इस्तेमाल से मेटल हटाया था… वहीं ड्रिलिंग के दौरान एक पाइप मुड़ गया जिसके बाद 24 नवंबर को ऑगर मशीन बाहर निकाला गया… इन सबकी वजह से जिस जगह पर ये मशीन रखी गई थी… वहां दरारें आ गई… उस जगह तुरंत मरम्मत की गई… ऐसा माना जा रहा था.. 25 नवंबर को बाहर निकाल लिया जाएगा… लेकिन फिर एक धातु की वस्तु ऑगर मशीन के रास्ते में आ गई… जिससे ड्रिलिंग का काम फिर से रुक गया… अब इस मशीन को बाहर निकाला गया है…
वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया… सीएम धामी टेंशन में तो हैं… लेकिन इस बात से उन्हें राहत मिली है… मजदूर में फंसे सभी मजदूर ठीक है… सीएम धामी ने खुद मजदूरों से बात की… मजदूरों को भोजन पानी मिल रहा है… कहा जा रहा है कि ऑगर मशीन खराब होने के बाद अब हैदराबाद से कटर लाया जा रहा है साथ ही प्लाज्मा कटर मंगवाया गया है..साथ ही वर्टिकल ड्रिलिंग का काम किया जा रहा है… बता दें कि चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे… तब से अलग अलग एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं… माना जा रहा है कि करीब 50 मीटरर तक ड्रिलिंग हो चुकी है और रेस्क्यू टीम और मजदूरों के बीच में महज 10 मीटर का फासला बच गया है… इससे पहले 24 नवंबर को उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में पिछले 14 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए रास्ता बनाने के प्रयास में जारी ड्रिलिंग एक बार फिर रोकनी पड़ी, जिससे श्रमिकों का इंतजार और बढ़ गया…पिछले दो दिनों में अभियान को यह दूसरा झटका लगा है… बावजूद इसके सबका यही प्रण है… सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकाल कर रहेंगे