उम्मीद जगी है… वो लौटकर आएंगे, अपनी बात सुनाएंगे… क्या हुआ था उस दिन सबकुछ एक एक करके बातएंगे
फैसले की घड़ी आ गई है… उत्तरकाशी सुरंग के अंदर फंसे लोगों तक पहुंच गया संदेश… जोश के साथ कह दिया गया हम आ रहे हैं रहिए तैयार
वो कह रहे हैं… हम मानेंगे नहीं हार… ये कह रहे हैं हम करते हैं जज्बे को सलाम, पॉजिटिव निकलेगा परिणाम
जीहां उत्तरकाशी सुरंग मामले में रेस्क्यू को लेकर अब जो अपडेट आया है… उससे उम्मीदें बढ़ी है… ऐसा लग रहा है… अब जल्द ही पिछले 6 दिनों से फंसे 40 मजदूर सुरंग के घुप अंधकार से बाहर निकलेंगे… सुर्य की रोशनी से अपने दिलो दिमाग से लेकर पूरे शरीर को वाकिफ कराएंगे… अब जल्द 40 मजदूर अपने अपनों के पास जा पाएंगे… अपने दर्द से निजात पाकर खुशियों को गले लगा पाएंगे… सबको बता पाएंगे… लाख चाहे विपरीत परिस्थितियां पनपे हिम्मत ना हारना… हमेशा लड़ते रहना, जीत के लिए रास्ते बनाना, लक्ष्य से ना भटकना जीत तो मिल ही जाएगी… जैसे हम लोगों को मिली है… अंधकार को पूरी तरह से तोड़कर हमने तो रोशनी के लिए रास्ता तैयार किया… कुछ ऐसा ही अब उत्तराकाशी टनल में फंसे 40 मजदूरों की जिंदगी के साथ होने वाला है…
दरअसल उत्तरकाशी के सिलक्यारा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाई जा रही सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए चल रहे ऑपरेशन जारी है… टनल में फंसे मजदूरों को ऑक्सीजन, खाद्य सामग्री और दवाइयों की आपूर्ति पाइप के माध्यम से दी जा रही है… बचावकर्मियों ने 30 मीटर से ज्यादा तक ड्रिलिंग कर दी… जिससे वो निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 40 मजदूरों के करीब पहुंच चुके हैं… राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड के मुताबिक, 800 मिलीमीटर और 900 मिलीमीटर व्यास वाले पाइपों को एक के बाद एक डालने के लिए 60 मीटर तक ड्रिल करने की आवश्यकता होती है, जब तक कि निकलने का रास्ता नहीं बन जात…
एनडीआरएफ ने रात को एक मॉक ड्रिल की… मॉक ड्रिल का मकसद ये था… कि ड्रिलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद वो श्रमिकों को कैसे बचाएंगे…एनडीआरएफ की पहली कोशिश एक छोटा और स्थिर रास्ता बनाने की है जिससे श्रमिक घुटनों के बल बाहर आ सकें, लेकिन अब वो रस्सियों के जरिए बाहर निकालने की योजना बना रहे हैं… जिस पर पहिया लगा हुआ है… एक बार जब पाइप अंदर आ जाएंगे, तो कर्मचारी उस पर चढ़ जाएंगे और रस्सियों का उपयोग करके दूसरी तरफ खींच लेंगे… वही पहले से काम कर रही मशीन की अतिरिक्त आपूर्ति के लिए एक और मशीन बैकअप के रूप में इंदौर से हवाई मार्ग से लाई गई है… अब अगर अभी काम कर रही मशीन बंद हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में हम उस मशीन का उपयोग हो सकेगा
इस सवाल के जवाब में एनएचआईडीसीएल का मानना है कि वो अतिरिक्त सतर्क रहना चाहते हैं और ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पाइप एक सेंटीमीटर से भी गलत तरीके से इधर-उधर न हो… लगभग 35 मीटर और खुदाई करने के बाद उन्हें सफलता मिलेगी…यहां ध्यान रखने वाली एक और महत्वपूर्ण बात ये है कि मशीन डीजल के जरिए चलती है, ये एक क्षेत्र में काम करती है, इसलिए, कंप्रेसर का उपयोग करके निरंतर वेंटिलेशन जरूरी है… साफ है सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने की प्रक्रिया करीब करीब पूरा हो चुका है… जल्द ही सुरंग में फंसे सारे मजदूर बाहर सबको दिखेंगे…