उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 80 घंटों से निर्माणाधीन टनल में फंसे 40 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। Uttarkashi Tunnel Accident Updates इस बीच जैसे-जैसे समय बीत रहा है, मजदूरों और उनके परिजनों का धैर्य टूटता जा रहा है। सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों की जहां तबियत बिगड़ने की खबर आ रही है। वहीं बाहर आक्रोशित मजदूर प्रदर्शन कर रहे हैं। सुरंग के निर्माण में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। सुरंग के जिस संवेदनशील हिस्से में भूस्खलन हुआ वहां उपचार के लिए गार्टर रिब की जगह सरियों का रिब बनाकर लगाया गया है। सुरंग निर्माण से जुड़े लोगों का कहना है कि यहां गार्टर रिब लगाया गया होता तो भूस्खलन नहीं होता।
उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र सिंह पटवाल ने बताया है कि 900 MM व्यास के ह्यूम पाइप मलबे के अंदर छेद कर डालने के लिए लाई गई ऑगर मशीन (ड्रिल मशीन) ने काम करना बंद कर दिया है। ह्यूम पाइप अंदर डालकर इससे फंसे लोगों को बाहर निकालने के इस प्लान में बाधा आ गई है। इसके चलते दिल्ली से अब एक और अधिक शक्तिशाली मशीन मंगाई गई है। एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर के आ रहे हैं जो मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी। इस मशीन के जरिए प्रति घंटे 5 मीटर मलबा निकला जा सकेगा। आज शाम से इस मशीन के जरिए काम शुरू करने की कोशिश की जाएगी। अब नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद ली जा रही है। रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की उसे रेस्क्यू कंपनी से संपर्क किया है जिसने थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकाला था।