Chandrayaan-3 Landing: सफल लेंडिंग तक देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार समेत प्रमुख मंदिरों में जारी है पूजा, पाठ और हवन

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उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक चंद्रयान-3 की सफलता के लिए विशेष पूजा-अनुष्ठान का दौर जारी है। लोगों को इस घड़ी का बेसब्री से इंतजार है। गंगा घाटों पर विशेष पूजा अर्चना की जा रही है। चंद्रयान की सफलता के लिए विधायक,मंत्रियों सहित पुरोहित सभी पूजा-पाठ में लगे हैं। वहीं सीएम धामी जहां इस अवसर को लाने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। इसे लेकर मंदिर में प्रार्थना और हवन किए जा रहे हैं। चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। ऐसा होने पर भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। सिर्फ भारतवर्ष ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक पल का टकटकी लगाए इंतजार कर रही है।

देहरादून के टपकेश्वर मंदिर में मंगलवार रात से ही पूजा अर्चना शुरू हो चुकी है, जो कि आज देर शाम सफल लेंडिंग तक जारी रहेगी। टपकेश्वर मंदिर में आचार्य विपिन जोशी ने बताया कि कल रात से पूजा अर्चना शुरू की गई है, जो कि आज शाम तक जारी रहेगी। इसके साथ ही साधु संतों ने आज हरिद्वार में गंगा मैया में भी पूजा अर्चना कर चंद्रयान के सफल लेंडिंग के लिए प्रार्थना की है। पंतजलि में बाबा रामदेव और बच्चों ने हवन कर चंद्रयान के सफल लेंडिंग के लिए अनुष्ठान किया है। इस दौरान बाबा रामेदव हवन करते हुए और छात्राएं वैदिक पाठ करते हुए नजर आए। ऋषिकेश की विश्व प्रसिद्ध परमार्थ निकेतन की गंगा आरती में भी भक्तों ने तिरंगा लेकर सुरक्षित लेंडिंग को लेकर प्रार्थना की। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन ने एलओआई के सफलतापूर्वक पूरा करने के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

लगातार तीसरी बार इसरो ने मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने के अलावा अपने अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया है, यह भारत के लिए गर्व और गौरव का विषय है। इस बीच शिक्षा विभाग ने प्रदेश के आवासीय स्कूलों में इसका सीधा प्रसारण दिखाने की तैयारी कर ली है। समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक डाॅ. मुकुल कुमार सती की ओर से सभी सीईओ को निर्देश जारी किया गया कि इसके लिए स्कूलों में लाइव प्रसारण की व्यवस्था कर ली जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा को देखते हुए इस समय स्कूल खोलने व्यावहारिक दृष्टि से संभव नहीं हैं। प्रदेश के सभी सीईओ को निर्देश दिया गया कि राजीव गांधी आवासीय विद्यालय, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं सभी आवासीय स्कूलों में इसके लिए लाइव प्रसारण की व्यवस्था की जाए। छात्र-छात्राओं, अभिभावकों को घर पर लाइव प्रसारण देखने के लिए प्रेरित किया जाए।