मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि खतरे वाले स्थानों को नो सेल्फी जोन घोषित किया जाए। ऐसे स्थानों पर सेल्फी लेने पर प्रतिबंध रहेगा। No selfie zones will be created at dangerous places सुरक्षित स्थानों को चिह्नित कर उन्हें सेल्फी जोन के तौर पर विकसित किया जाएगा। ऐसे सेल्फी स्थलों का जिला प्रशासन, स्थानीय नगर निकाय, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत व अन्य संस्थाओं के माध्यम से तैयार किया जाएगा। इनके संचालन और रखरखाव का जिम्मा स्थानीय लोगों और महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया जा सकता है। ऐसे सेल्फी स्थलों के निकट कार पार्किंग, अल्पाहार, शौचालय व आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
बता दे, मौजूदा दौर में सेल्फी लेने और इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने का प्रचलन तेजी बढ़ा है। स्मार्ट फोन के उपयोग और सोशल मीडिया पर लोकप्रिय होने के लिए सेल्फी को लेकर हो रही होड़ में लोग अपनी जान तक गंवा रहे हैं। खासकर युवा वर्ग अपनी जान की परवाह किए बगैर खतरनाक स्थलों पर जाकर सेल्फी लेते हुए हादसे का शिकार हो रहे हैं। लाइक्स, शेयर और फॉलोअर्स के लिए वे खतरनाक स्थानों पर जाकर सेल्फी लेना चाहते हैं, जो अत्यंत चिंताजनक प्रवृत्ति है। हाल के वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें लोग ऊंचाई वाले और प्रतिबंधित क्षेत्रों जैसे रेलवे ट्रैक, जल प्रपात, नदी तालाब, तीव्र ढाल वाली पहाडि़यों, खतरनाक जानवरों, जीव जंतुओं, ऊंची इमारतों, पुलों, चलते वाहनों में सेल्फी लेते हुए दुर्घटना का शिकार हो गए।