हरिद्वार में नगर निगम की ओर से खरीदी गई जमीन का मामला सुर्खियों में रहा था। चर्चाएं रही कि नगर निगम हरिद्वार ने करीब 33 बीघा जमीन मार्केट रेट से काफी ज्यादा दामों पर खरीद कर सरकारी धन का नुकसान किया। Haridwar Municipal Corporation Land Scam प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फौरन मामले में जांच के आदेश दिए। नगर आयुक्त की आख्या में गड़बड़ी मिलने के बाद सरकार ने निगम के छोटे अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की है। मामले को लेकर चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। जबकि वित्त अधिकारी को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी हुआ है। इसमें वित्त अधिकारी द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किए जाने के लिए उन्हें नोटिस जारी हुआ है।
राज्य सरकार ने इस मामले में नगर निगम के प्रभारी अधिशासी अभियंता आनंद सिंह मिश्रवाण, कर एवं राजस्व अधीक्षक लक्ष्मीकांत भट्ट व अवर अभियंता दिनेश चंद्र कांडपाल को प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया है। मामले में वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बिष्ट को 15 दिन में जवाब देने को कहा गया है। संपत्ति लिपिक वेदवाल का सेवा विस्तार भी समाप्त कर दिया गया है। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें सेवा विस्तार दिया गया था। उनके खिलाफ सिविल सर्विसेज रेगुलेशन के अनुच्छेद 351(ए) के प्रावधानों के तहत अनुशासनिक कार्रवाई के लिए नगर आयुक्त को निर्देश दिए गए हैं।प्रभारी सहायक नगर आयुक्त रविंद्र कुमार दयाल को नगर निगम अल्मोड़ा, दिनेश चंद्र कांडपाल को नगर पालिका परिषद लोहाघाट, आनंद सिंह मिश्रवाण को नगर निगम कोटद्वार, लक्ष्मीकांत भट्ट को नगर निगम पिथौरागढ़ कार्यालयों से संबद्ध किया गया है।