जोशीमठ संकट के पीड़ितों के लिए मुआवजा नीति जारी, जानिए अब कितनी मिलेगी राशि

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Joshimath Sinking: जोशीमठ भू धंसाव से प्रभावित परिवारों के क्षतिग्रस्त भवनों के लिए राज्य सरकार ने मुआवजा नीति जारी कर दी है। इस नीति के तहत ध्वस्त घरों के लिए 31 हजार से 36 हजार प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा दिया जाएगा। व्यावसायिक भवनों का मुआवजा पांच स्लैब में तय किया गया है। आवासीय भवनों के लिए 31 हजार 201 रुपये प्रति वर्ग मीटर से लेकर 36 हजार 527 रुपये प्रति वर्ग मीटर मुआवजा और व्यावसायिक भवनों के लिए 39 हजार 182 रुपये प्रति वर्ग मीटर से लेकर 46 हजार 99 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दरें तय की गई हैं।

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने शासनादेश जारी कर दिया है। शासनादेश के अुनसार, मुआवजे की दरें केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की दरों की प्लिंथ एरिया दरों के आधार पर निकाली जाएंगी। इसमें जोशीमठ का लागत सूचकांक (कोस्ट इंडेक्स) भी जोड़ा जाएगा। स्थायी पुनर्वास के लिए तीन विकल्प दिए गए हैं। भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट आने के बाद तय किया जाएगा। व्यावसायिक भवनों का मुआवजा पांच स्लैब में तय दरों के आधार पर आने वाली प्रभावित भवन की लागत में से प्रभावित भवन के मूल्यह्रास की धनराशि को घटाने के बाद शेष धनराशि का मुआवजा दिया जाएगा।

पहला विकल्प: आवासीय और व्यावसायिक श्रेणी में तीन-तीन विकल्प सुझाए गए हैं। आपदा प्रभावित इनमें से किसी एक विकल्प का चयन कर सकते हैं। पहला विकल्प, जिनके आवासीय भवन तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट के आधार पर रहने योग्य नहीं है, उनको आवासीय भवन के लिए निर्धारित दर से मुआवजा दिया जाएगा। यदि भूमि को भी असुरक्षित घोषित किया जाता है तो भविष्य में तय होनी वाली दरों के अनुसार उसका भी मुआवजा दिया जाएगा।

दूसरा विकल्प: जिनके भवन और भूमि दोनों ही असुरक्षित घोषित किए जाएंगे, यदि उनकी ओर से भवन का मुआवजा प्राप्त करते हुए आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग की जाती है तो ऐसी स्थिति में घर बनाने के लिए प्रभावित को अधिकतम क्षेत्रफल 75 वर्ग मीटर (50 मीटर भवन निर्माण और 25 मीटर गौशाला, अन्य कार्यों के लिए) भूमि दी जाएगी। यदि प्रभावित परिवार की असुरक्षित जमीन की लागत आवंटित भूमि से अधिक होती है तो ऐसी दशा में समायोजन के बाद सरकार की ओर से अलग से मुआवजा दिया जाएगा।

तीसरा विकल्प: जिन आपदा प्रभावित की ओर से अपनी भूमि एवं भवन के सापेक्ष निर्मित आवासीय भवन की मांग की जा सकती है। अधिकतम 50 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर राज्य सरकार की ओर से घर बनाकर दिया जाएगा। इसके अलावा 25 वर्गमीटर भूमि पर गोशाला व अन्य कार्यों के लिए दी जाएगी। इसके अतिरिक्त भूमि होने पर उसका अलग से मुआवजा दिया जाएगा।