Uttarakhand Poltics News: उत्तराखंड में धामी सरकार ने आते ही सबसे पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता को लाने की बात कही थी। जिस पर सरकार खरा उतरती नजर आ रही है। पहले यूसीसी के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पास किया गया, फिर कमेटी गठित की गई। अब इस कमेटी ने यूसीसी को लेकर अपनी जिम्मेदारी करीबन पूरी कर ली है। इतना ही नहीं यूसीसी का ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है। अब गेंद सरकार के पाले में है। ऐसे में एक तरफ जहां यूसीसी पर बीजेपी बढ़त बनाने की जुगत में है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने इसे जनता पर थोपे जाने वाला कानून करार दिया है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी इस कानून को केवल अपने चुनावी एजेंडे के तहत ला रही है। बीजेपी को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि जनता इस कानून को लेकर के क्या सोचती है? उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मथुरा जोशी का कहना है कि यूसीसी कानून पर बीजेपी अपने एजेंडे के तहत काम कर रही है और बिना लोगों की रायशुमारी किए बिना विपक्ष को कॉन्फिडेंस में लेकर इस तरह के कानून की तैयारी की गई है, जो साफ दिखाता है कि यह कानून जनता पर थोपा जा रहा है।
वहीं, दूसरी तरफ बात चाहे बीजेपी की करें या फिर उत्तराखंड सरकार की, सभी सभी यूसीसी को फायदेमंद बता रहे हैं। सरकार और बीजेपी से जुड़ा हर एक व्यक्ति समान नागरिक संहिता की तारीफें कर रहा है। कांग्रेस के विरोध को केवल बीजेपी के विरोध करने की आदत बता रहा है। सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस केवल विरोध की राजनीति करती है। विपक्ष के पास विरोध करने के अलावा और इस वक्त कोई काम नहीं है। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि बीजेपी सरकार की ओर से जनहित में जो भी फैसले किए जाते हैं, उसे जनता तो स्वीकारिता है, लेकिन विपक्ष को यह हजम नहीं होता है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर हो रही गतिविधि पर अपनी मुहर लगाई है। उन्होंने कहा है कि देश में रह रहे अलग-अलग धर्मों और समुदाय के लोगों के लिए इस तरह के कानून की बेहद ही आवश्यकता है, जो कि सभी को एक समरूपता दें।