उत्तराखंड की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के लेटर पर हुआ विवाद, कांग्रेस ने उठाया सवाल

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देहरादून: विधानसभा में बैकडोर नियुक्तियों को लेकर पहले से ही बीजेपी पर हमलावर रही कांग्रेस को एक और मुद्दा मिल गया। दरअसल, राज्य सरकार में मंत्री रेखा आर्य का एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें मंत्री ने पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के सचिव को उत्तरकाशी के चार युवकों को शिक्षित बेरोजगार बताते हुए विभाग में समायोजित करने यानी काम पर रखने के निर्देश दिए हैं। इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर हमला किया है। बतौर विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने सचिव, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग को ये पत्र लिखा है। जिसमें उत्तरकाशी के चार लड़कों को शिक्षित बेरोजगार बताते हुए मंत्री ने उन्हें यथाशीघ्र विभाग में समायोजित करने के निर्देश दिए हैं।

कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दशौनी का कहना है कि आखिर मंत्री को नियमानुसार प्रक्रिया अपनाने के बजाए ऐसे सिफारिश करने की जरूरत ही क्यों पड़ी। उन्होंने कहा कि बीजेपी के मंत्री भी रेवड़ियों की तरह नौकरी बांट रहे हैं। ऐसे में आम बेरोजगार युवकों का क्या होगा, बड़ा सवाल है। दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि मैं एक जनप्रतिनिधि हूं। जब कोई पत्र लेकर आएगा तो उस पर निर्देश देना मेरा काम है। रेखा आर्य ने पत्रकारों से कहा- आप भी कोई पत्र लेकर आ जाइए मैं उस पर भी लिख दूंगी। रेखा आर्य कहती हैं कि ये मैंने पहले भी किया है। आज भी किया है और आगे भी करती रहूंगी।

पूर्व सीएम हरीश रावत भी कह चुके हैं कि विधानसभा में एक प्रस्ताव आना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की नियुक्तियां न हो सकें। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत कहना है कि नियुक्तियों में भाई भतीजावाद नहीं होना चाहिए। बहरहाल उत्तराखंड की सियासत इन दिनों गर्म है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी इन दिनों दिल्ली में हैं, उनके लौटते ही इस मामले का पटाक्षेप होने की उम्मीद है। सबकी नजरें अब ऋतु खंडूरी पर टिकी हैं कि वे क्या फैसला लेती हैं। सीएम पुष्कर धामी विधानसभा में अब तक हुई सभी नियुक्तियों की जांच कराने की बात कह चुके हैं। सीएम धामी का कहना है कि विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है। लिहाजा वे विधानसभा अध्यक्ष से इस बात की सिफारिश करेंगे।