तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में उत्तराखंड का सूरज डूब गया। भारतीय वायुसेना के एमआई-17 वी फाइव हेलीकॉप्टर में सवार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत व उनकी पत्नी मधुलिका रावत की इस हादसे में दर्दनाक मौत हो गई है। शाम छह बजकर तीन मिनट पर जैसे ही वायुसेना ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी कि हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत व उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई तो हर शख्स स्तब्ध रह गया।
वहीं इस हादसे के बाद से उत्तराखंड में भी हड़कंप मच गया। बिपिन रावत की मौत की खबर आने से राज्य में शोक की लहर है। मौत की खबर सुनते ही गांव में मौजूद उनके चाचा भरत सिंह रावत बिलखकर रोने लगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में तीन का राजकीय शोक घोेषित करने के आदेश दिए।
द्वारीखाल ब्लॉक के सैंण गांव के मूल निवासी थे रावत
सीडीएस बिपिन रावत उत्तराखंड से ताल्लुक रखते थे। रावत पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक के सैंण गांव के मूल निवासी थे। उनकी पत्नी उत्तरकाशी जिले से हैं। जानकारी के मुताबिक देहरादून में जनरल बिपिन रावत का घर भी बन रहा था।जनरल बिपिन रावत थलसेना के प्रमुख रहे। रिटायरमेंट से एक दिन पहले बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाया गया था।
इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। रावत ने 11वीं गोरखा राइफल की पांचवीं बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने देहरादून में कैंब्रियन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से शिक्षा ली। आईएमए में उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्वोर्ड ऑफ ऑनर सम्मान से भी नवाजा गया था। परिवार वालों का कहना है कि उनके परिवार में सभी बच्चों के सामने जनरल बिपिन और उनके पिता का उदाहरण पेश किया जाता था।
जनरल बिपिन रावत के निधन पर भावुक हुए मुख्यमंत्री धामी
हेलीकाप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत व अन्य अधिकारियों की आकस्मिक मृत्यु पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भावुक संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि एक सैनिक पुत्र होने के नाते वह समझ सकते हैं कि जनरल रावत और अन्य अफसरों के परिवारों के सदस्यों पर क्या बीत रही होगी।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। कहा कि यह हमारे लिए बहुत बड़ा दुख है। एक सैनिक पुत्र होने के नाते वे हमेशा मेरा मार्गदर्शन करते थे। कहा कि मुझे, मेरे पिताजी की रेजीमेंट में उनके साथ जाना था पर नियति को कुछ और मंजूर था।
देश की सुरक्षा के लिए जनरल रावत ने महान योगदान दिया। देश की सीमाओं की सुरक्षा एवं देश की रक्षा के लिए उनके द्वारा लिए गए साहसिक निर्णयों एवं सैन्य बलों के मनोबल को सदैव ऊंचा बनाए रखने के लिए उनके द्वारा दिए गए योगदान को देश सदैव याद रखेगा। सीडीएस जनरल बिपिन रावत की परवरिश उत्तराखंड के छोटे से गांव में हुई।
वह अपनी विलक्षण प्रतिभा, परिश्रम तथा अदम्य साहस एवं शौर्य के बल पर सेना के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए तथा देश की सुरक्षा व्यवस्थाओं एवं भारतीय सेना को नई दिशा दी। उनके आकस्मिक निधन से उत्तराखंड को भी बड़ी क्षति हुई है। हम सबको अपने इस महान सपूत पर सदैव गर्व रहेगा।
आतंकवाद विरोधी गतिविधियों की खासा जानकारी
सीडीएस बिपिन रावत अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर युद्ध और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों की खासा जानकारी और अनुभव रखते थे। उन्होंने पूर्वी सैक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इंफेंट्री बटालियन की कमान संभाली। उन्होंने कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और एक इंफेंट्री डिविजन की कमान संभाली। जनरल रावत ने सेना मुख्यालय की सेना सचिव शाखा में भी महत्वपूर्ण पदों पर काम किया।
वे पूर्वी कमान मुख्यालय में मेजर जनरल, जनरल स्टाफ भी रहे। उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में चैप्टर-7 मिशन में बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली। लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और हायर कमांड एंड नेशनल डिफेंस कॉलेज कोर्सेज के पूर्व छात्र थे।
उन्हें वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए पुरस्कृत भी किया गया, जिनमें यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम, सीओएएस प्रशस्ति शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करते हुए उन्हें दो बार फोर्स कमांडर प्रशस्ति पुरस्कार प्राप्त हुए।
प्रतिक्रिया:
सेना के सबसे प्रतिभाशाली अधिकारियों में गिने जाने वाले स्वर्गीय बिपिन रावत का दु:खद निधन देश और सेना के लिए अपूरणीय क्षति है। भगवान बदरी विशाल व बाबा केदार दिवंगत आत्माओं को अपने श्रचरणों में स्थान दें। अपनी प्रतिभा के बल पर वे भारतीय सेना के प्रमुख और उसके बाद पहले सीडीएस बनें। एक उत्कृष्ट सैन्य अधिकारी के रूप में जनरल रावत सदैव याद किए जाएंगे। इसी दुर्घटना में सैन्य अधिकारियों और जवानों का निधन बेहद दुखद है।
– त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
जनरल बिपिन रावत का निधन देश की बहुत बड़ी क्षति है। उनके असामयिक निधन से पूरा राष्ट्र और उत्तराखंड के नागरिक स्तब्ध और शोकाकुल हैं। उनका उत्तराखंड के प्रति बहुत लगाव था। नौजवानों के लिए वे प्रेरणा थे।
– मदन कौशिक, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
भारतीय सेना के लिए अपूर्णीय क्षति : कांग्रेस
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीडीएस जनरल विपिन रावत के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुए आकस्मिक निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। पार्टी ने शोक में अपना झंडा झुकाया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सीडीएस जनरल विपिन रावत का असमय निधन भारतीय सेना के लिए अपूर्णीय क्षति है। उनके निधन से जो स्थान रिक्त हुआ है, उसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती है। देश की रक्षा के लिए दी गई उनकी सेवाए सदैव याद की जाएंगी।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सीडीएस जनरल विपिन रावत के निधन का समाचार मिलते ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में आयोजित बैठकें स्थगित कर दी। इस दौरान बैठक में उपस्थित पार्टी नेताओं ने सीडीएस जनरल रावत को श्रद्धांजलि स्वरूप मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भगवान उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिजनों एवं शुभचिंतकों को इस दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
राजपुर रोड स्थित प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय, राजीव भवन दोपहर दो बजे संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता प्रो. गौरव वल्लभ ने संबोधित करना था। प्रेसवार्ता अभी शुरू ही हुई थी इस बीच सीडीएस जनरल विपिन रावत हेलीकॉप्टर हादसे की खबर आ गई। प्रो. वल्लभ ने तुरंत अपनी प्रेस कांफ्रेंस स्थगित कर दी।