इनमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित तमाम ऐसे दिग्गज और बड़े नेता हैं, जिनका राजनीतिक भविष्य भी इससे तय होगा। इस बार के चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले कम प्रत्याशी मैदान में थे। सोमवार को मतदान संपन्न होने के साथ ही सभी प्रत्याशियों का भविष्य भी ईवीएम में कैद हो गया।
इनका राजनीतिक भविष्य भी होगा तय
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी : खटीमा विधानसभा से 2017 में नजदीकी मुकाबले में जीते थे। इस बार बतौर मुख्यमंत्री उनके नेेतृत्व में भाजपा ने चुनाव लड़ा है। अब दस मार्च को नतीजे आने के बाद तय होगा कि धामी का राजनीतिक भविष्य कैसा बदलाव लाएगा।
2017 के चुनाव में दोनों चुनाव हार गए थे हरीश रावत
लालकुआं से कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का भविष्य ईवीएम में कैद हो गया है। 2017 के चुनाव में वह दोनों चुनाव हार गए थे। इस बार उनकी अगुवाई में चुनाव लड़ा गया है। अब उनकी अपनी जीत और पार्टी की जीत पर उनका भविष्य भी काफी हद तक निर्भर करेगा।
अनुपमा रावत, कांग्रेस प्रत्याशी हरिद्वार ग्रामीण
ऋतु खंडूड़ी भूषण, भाजपा प्रत्याशी कोटद्वार