द्रौपदी का डांडा-2 हिमस्खलन की बरसी आज, पलक झपकते ही चली गई थी 29 पर्वतारोहियों की जान

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Draupadi Ka Danda 2 Avalanche: साल 2022 में उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (Nehru Mountaineering Institute) के इतिहास में एक ऐसा अध्याय जुड़ा जो कि 29 परिवारों के ही नहीं पूरे देश को झकझोर कर गया है। द्रौपदी का डांडा 2 हिमस्खलन (Draupadi Ka Danda 2 Avalanche) त्रासदी को आज एक साल पूरा हो गया है। यह दिन पर्वतारोहण के इतिहास में कभी न भुलाया जाने वाला काला दिन है। चार अक्तूबर 2022 को इस एवलॉन्च में 29 लोगों की मौत हुई थी। जबकि, दो लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस हादसे में निम के 34 प्रशिक्षुओं का दल द्रौपदी का डांडा 2 चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आ गया था। जिसमें 25 प्रशिक्षुओं और 2 प्रशिक्षक समेत कुल 27 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, हादसे के बाद से दो लोग अभी भी लापता चल रहे हैं। जिनमें उत्तराखंड से नौसेना में नाविक विनय पंवार और हिमाचल निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक वशिष्ट शामिल हैं।

निम के 44 प्रशिक्षुओं, 8 प्रशिक्षकों सहित कुल 58 लोगों का दल 14 सितंबर को एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के लिए निकला था। 25 सितंबर को यह दल डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में द्रौपदी का डांडा चोटी के बेस कैंप में पहुंचा। वहां से सभी चोटी के आरोहण के लिए 5670 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैंप-1 तक पहुंचे। अगले दिन तड़के चार बजे यह दल द्रौपदी का डांडा चोटी(5771 मी.) पर पहुंचा। लेकिन, कैंप-1 में लौटते समय करीब 8.45 बजे दल भारी हिमस्खलन की चपेट में आ गया। हादसे में उत्तरकाशी जनपद ने एवरेस्ट विजेता सविता कंसवालपर्वतारोही नौमी रावत को खोया था। दोनों प्रशिक्षुओं के दल में बतौर प्रशिक्षक शामिल थी। जिनकी मौत की खबर ने उनके परिवार सहित जिले को कभी न भूलने वाला गम दिया। सविता ने बहुत कम समय में पर्वतारोहण के क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल कर लिया था। उन्होंने 12 मई 2022 को माउंट एवरेस्ट और इसके ठीक 16 दिन बाद माउंट मकालू पर्वत पर सफल आरोहण किया। इन राष्ट्रीय रिकॉर्ड को बनाने वाली सविता कंसवाल पहली भारतीय महिला थीं।