एसडीआरएफ के पुलिस महानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी ने बताया कि धराली क्षेत्र में आई भीषण आपदा को देखते हुए एसडीआरएफ टीम को आपदा ग्रसित क्षेत्रों में भेजा गया है। धराली गांव में बादल फटने से आपदा आई है। एसडीआरएफ ने लगभग 3300 मीटर की ऊंचाई तक ड्रोन की सहायता से कृत्रिम झील की निगरानी की है। ड्रोन से यह पता लगाने का प्रयास किया गया कि हिमालयी क्षेत्रों में ग्लेशियर पिघलने के कारण कहीं कृत्रिम झील या जल अवरोध तो नहीं बन रहा है। जो भविष्य में दोबारा से आपदा का कारण बन सकता है। प्रारंभिक निरीक्षण में किसी भी प्रकार की कृत्रिम झील या जल अवरोधक की पुष्टि नहीं हुई है। क्षेत्र की भौगोलिक संवेदनशीलता को देखते हुए सतत निगरानी व मूल्यांकन किया जा रहा है।