जागेश्वर धाम में खुदाई में धरती से निकला अदभुत शिवलिंग, फावड़ा छोड़ नतमस्तक हुए मजदूर

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जागेश्वर धाम में मास्टर प्लान के तहत सौन्दर्यकरण का कार्य चल रहा है। इस दौरान मंदिर परिसर को आकर्षक बनाने के लिए अंडरग्राउंड लाइटिंग की जा रही है। Shivalinga found during excavation in Jageshwar Dham इसके लिए कार्यदायी संस्था के लगाए गए श्रमिक केबल बिछाने के लिए जमीन से डेढ़ फीट खोद रहे हैं। इसी दौरान श्रमिकाें को वहां जमीन में करीब एक फीट नीचे एक शिवलिंग मिला। इसके बाद से वहां पर पहुंचे श्रद्धालु और स्थानीय लोगों ने निकले शिवलिंग की पूजा-अर्चना की और भक्तों का तांता भी देखने को मिला। देखते ही देखते सोशल मीडिया में फोटो और वीडियो भी वायरल हुई। जागेश्वर धाम में जो शिवलिंग निकला है, वो 14वीं शताब्दी का बताया जा रहा है और स्थानीय पुजारी का यह भी कहना है कि यदि यहां पर खुदाई की जाए तो कई और शिवलिंग यहां पर देखने को मिल सकते हैं।

अल्मोड़ा जनपद से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित जागेश्वर धाम में लगभग ढाई सौ छोटे-बड़े मंदिरों का समूह है। इनमें से एक ही स्थान पर छोटे-बड़े 224 मंदिर हैं। 125 छोटे-बड़े मंदिरों के समूह में 108 शिवलिंग और 17 अन्य देवी देवताओं के मंदिर स्थित है। यह मंदिर लगभग ढाई हजार वर्ष पुराना है। मान्यता है कि यह प्रथम मंदिर है। जहां लिंग के रूप में शिव पूजन की परंपरा सबसे पहले शुरू हुई थी। इस स्थल को भगवान शिव की तपस्थली भी कहा जाता है। इस मंदिर में भगवान शिव के साथ विष्णु, देवी शक्ति और सूर्य देवता की पूजा की जाती है। जागेश्वर धाम को पुराणों में हाटकेश्वर के नाम से जाना जाता है। पुराणों के अनुसार भगवान भोलेनाथ और सप्त ऋषियों ने यहां पर तपस्या की थी। इस मंदिर में भगवान शिव के साथ विष्णु, देवी शक्ति और सूर्य देवता की पूजा की जाती है। जागेश्वर धाम को पुराणों में हाटकेश्वर के नाम से जाना जाता है। पुराणों के अनुसार भगवान भोलेनाथ और सप्त ऋषियों ने यहां पर तपस्या की थी।