उत्तराखंड के वन महकमे को हिलाकर रख देने वाले पाखरो टाइगर सफारी मामले में अब नया मोड़ आ गया है। सीबीआई लंबे समय से इस मामले की जांच में जुटी हुई है। CBI investigation in Pakhro safari case अब तक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निर्माण क्षेत्र तक जांच करने वाली CBI अब सचिवालय और तत्कालीन राजनेताओं तक भी दस्तक देने लगी है। खास बात यह है कि मामले में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत से भी सीबीआई ने पूछताछ की है। जिसमें हरक सिंह रावत ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज CBI के अफसरों को सौंपे हैं। रावत का कहना है कि उनका इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है। उनसे पूछताछ की सीबीआई के स्थानीय सूत्रों ने भी पुष्टि की है।
बता दें कि पाखरो रेंज में टाइगर सफारी बनाने में तमाम अनियमितताएं सामने आई थीं। इसे लेकर विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। पिछले साल अगस्त में विजिलेंस ने हरक सिंह रावत और उनके परिवार से जुड़े कुछ व्यापारिक प्रतिष्ठानों और एक शिक्षण संस्थान में भी छापा मारा था। इसके बाद जांच को सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई ने विजिलेंस की जांच में आए तथ्यों के बाद जांच शुरू की। देहरादून से लेकर कोटद्वार तक कई संस्थानों और कार्यालयों में सीबीआई ने छापा मारा। इसके बाद सीबीआई ने गत 14 अगस्त को पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत को भी इंदिरा नगर स्थित कार्यालय बुलाकर पूछताछ की थी। रावत ने इस मामले में कुछ और नेताओं का नाम भी लिया है। हालांकि, अभी सीबीआई इस मामले में जांच कर रही है।