आग से धधक रहे उत्तराखंड के जंगल, 5 माह में वनाग्नि की घटनाओं के आंकड़े देखकर चौंक जाएंगे

उत्तराखंड में करीब 5 महीने से ज्यादा समय में राज्य के 516.92 हेक्टेयर जंगल आग से प्रभावित हुए, जिसमें अब तक राज्य को 11 लाख 13 हजार 451 रुपए का नुकसान होने का आंकलन किया गया है

Share

उत्तराखंड के जंगलों में आए दिन आग धधक रही है। जिससे पर्यावरणविद् खासे चिंतित नजर आ रहे हैं। जंगलों में आग लगने से वन्यजीव आबादी की ओर रुख कर रहे हैं। Forest Fire In Uttarakhand जंगलों में अनियंत्रित रूप से फैल रही आग से पेड़-पौधे, जानवर, घास के मैदान जलकर राख हो रहे हैं। जंगलों में चलने वाली तेज हवा के कारण यह आग अनियंत्रित होकर बड़े भू-भाग में फैल रही है, जिससे वायुमंडल और इंसानों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। 15 फरवरी से 15 जून तक का फायर सीजन प्रदेश के जंगलों के लिए बेहद संवेदनशील होता है। शीतकाल में यदि अच्छी वर्षा और बर्फबारी हो जाए, तो जंगलों में आग लगने की अवधि पीछे खिसक जाती है। मगर इस वर्ष अन्य वर्षों की अपेक्षा बर्फबारी की बेरुखी के परिणाम गर्मी के मौसम के शुरुआत में ही नजर आने लगे हैं। अप्रैल मेंं ही आग की घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं।

मंगलवार को 24 घंटे के भीतर प्रदेश में आग की 47 नई घटना हुईं। जिनमें कुल 53 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा। फायर सीजन में अब तक कुल 478 घटना में 571 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है, जिससे लाखों की लागत की वन संपदा का नुकसान हुआ है। प्रदेश में नई टिहरी, रानीखेत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, नरेंद्रनगर, उत्तरकाशी, तराई पूर्वी, लैंसडौन, हल्द्वानी, रामनगर, रुद्रप्रयाग, केदारनाथ वन प्रभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व व नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में जंगल की आग की घटनाएं लगातार दर्ज की जा रही हैं। जिसे बुझाने में वन विभाग के हाथ-पांव फूल रहे हैं। वन विभाग की ओर से मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। साथ ही जंगल की आग की सूचना देने के लिए नंबर भी जारी किए गए हैं। 18001804141, 01352744558 पर काल कर सकते हैं। साथ ही 9389337488 व 7668304788 पर वाट्सएप के माध्यम से भी सूचित कर सकते हैं।