देहरादून: राष्ट्रीय ध्वज को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के बयान की विभिन्न तबकों से आलोचना हो रही है। भट्ट ने बुधवार को कहा था कि देश उन लोगों पर भरोसा नहीं कर सकता जो अपने घरों पर तिरंगा नहीं फहराएंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य हरीश रावत द्वारा दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि किसी को भी किसी की देशभक्ति और राष्ट्र प्रेम की परीक्षा लेने का अधिकार नहीं है।
बुधवार को देहरादून में अपने राखी मिलन कार्यक्रम में मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत करते हुए, पूर्व सीएम ने कहा कि वह भट्ट से चीजों का विश्लेषण करने का अनुरोध करेंगे, जिसके बाद उन्हें अपने आस-पास ऐसे कई लोग मिलेंगे जिन्होंने अपने घरों पर कभी राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया था। रावत ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में भट्ट की भी आलोचना की। “उत्तराखंड भाजपा के नए अध्यक्ष बहुत विनम्र व्यक्ति हैं लेकिन उनके हालिया बयान ने मुझे बुरा महसूस कराया। हमारे देश में 42 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं और 50-55 करोड़ ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें एक दिन में दो वक्त के भोजन की व्यवस्था करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करण महारा ने भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पर उनके बयान पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि भट्ट का यह बयान कि राष्ट्र उन पर भरोसा नहीं कर सकता जो राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराएंगे, दुर्भाग्यपूर्ण है। भट्ट पर कटाक्ष करते हुए पूर्व पीसीसी अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि उत्तराखंड के लोग देशभक्त हैं और अगर भट्ट वास्तव में उन लोगों के बारे में जानना चाहते हैं जो जानबूझकर अपने घरों पर झंडा नहीं फहराते हैं तो उन्हें नागपुर में आरएसएस मुख्यालय जाना चाहिए। क्योंकि वह वहाँ ऐसे व्यक्तियों को खोजेगा। भट्ट के बयान को बचकाना बताते हुए गोदियाल ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय पार्टी का नेतृत्व करने वाले किसी व्यक्ति से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती।
रावत ने कहा कि जिन लोगों का आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं था। आंदोलनकारियों के खिलाफ साजिश रचने वाले आज तिरंगे का महत्व समझा रहे हैं। देश के हर घर व हर दिल में तिरंगा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर भी रावत ने व्यंग कसा। कहा कि उन्हें परिपक्वता के साथ ही कोई बात कहनी चाहिए। अपनी सरकार की योजनाओं की याद दिलाई, वादा भी किया रावत ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इंदिरा अम्मा कैंटीन योजना, गौरा देवी कन्याधन समेत कई योजनाएं शुरू की थी। इनमें कई को भाजपा ने बंद कर दिया है या फिर उनका लाभ घटाकर सीमित कर दिया है। इन योजनाओं को मूल स्वरूप में शुरू कराने के लिए सरकार पर लगातार दबाव बनाया जाएगा।