देहरादून के जाखन गांव में भारी भूस्खलन, गांव पर छाए संकट की पड़ताल करेगी सर्वे टीम

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Dehradun News: हिमाचल प्रदेश के शिमला में पहाड़ी दरकने जैसे ही कुछ हालात देहरादून के विकास नगर के डाकपत्थर इलाके में स्थित मदरसू जाखन गांव में भी देखेने को मिले हैं, जहां भूस्खलन की वजह से कई मकान खतरे की जद में आ गए हैं। बीते गुरुवार को जब चटख धूप खिली तो जाखन गांव के ऊपर से गुजर रहे मुख्य मार्ग में दरारें बढ़ गईं जो बढ़ती हुईं सड़क के नीचे जाखन गांव तक जा पहुंची व भूस्खलन शुरू हो गया। दरार से सबसे पहले राजकीय प्राथमिक विद्यालय भवन को नुकसान पहुंचा। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य मकानों में भी दरार आनी शुरू हो गईं। भूधंसाव के चलते पछवादून क्षेत्र की बिन्हार की मदरसू ग्राम पंचायत का जाखन गांव बुधवार को आपदा की चपेट में आ गया। देहरादून जिला मुख्यालय से करीब 65 किमी दूर दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र स्थित इस गांव के ऊपर की तरफ से गुजर रही सड़क से बुधवार सुबह शुरू हुआ भूधंसाव देखते ही देखते ग्रामीणों के घरों तक पहुंच गया। यहां 10 आवासीय भवन धराशायी हो गए और 10 अन्य चौड़ी दरारें आने के कारण क्षतिग्रस्त हो गए। प्रशासन के अनुसार दरारें छह इंच से एक फीट तक चौड़ी हैं।

गांव में करीब 25 आवासीय भवन और कुछ छानियां (गोशाला) हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के ऊपर से गुजर रही सड़क पर विगत शाम हल्की दरारें दिखीं थीं, जो भूधंसाव की वजह से 12 घंटे के अंतराल में गांव तक आ पहुंची और पूरा गांव आपदा की जद में आ गया। दरअसल, मदरसू पंचायत का जाखन गांव भूस्खलन जोन में है। दो दिन पहले हुई वर्षा के चलते यहां मुख्य मार्ग में दरार आ गई थीं। जिससे गांव से करीब 100 मीटर आगे बड़ी चट्टान खिसक गई थी। जिलाधिकारी सोनिका ने अधिकारियों को प्रभावित परिवारों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को क्षति का आकलन करने, भूविज्ञानियों को क्षेत्र का सर्वे करने और प्रभावित परिवारों को विस्थापित करने का प्रस्ताव बनाने के भी निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने प्रभावित परिवारों से वार्ता कर उनका हालचाल जाना। इस दौरान उन्होंने प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पष्टा में बने रहने को कहा। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावितों को किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए।