India-US Yudh Abhyas: उत्तराखंड में चीन से सटी एलएसी (LAC) के करीब औली (Ouli) में भारत और अमेरिका की सेनाएं ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज कर रही हैं। युद्धाभ्यास के आखिरी हफ्ते में दोनों देशों की सेनाएं हाई-ऑल्टिट्यूड एरिया में माउंटेन वॉरफेयर के रणकौशल को धार देने में जुटी हैं। औली से लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (एलएसी) महज 90 किलोमीटर की दूरी पर है।
युद्धाभ्यास के आखिरी दिनों में भारत और अमेरिका की सेनाएं पिछले 13 दिनों से कर रहे युद्धाभ्यास को परखने में जुटी हैं। इस दौरान सबसे पहले हैली-बोर्न ऑपरेशन ड्रिल की गई। इस ड्रिल के दौरान सैनिकों ने उंचाई वाले इलाके में हेलीकॉप्टर के जरिए एक इलाके में दाखिल होने और वहां से सुरक्षित निकलने का प्रयास किया। उतरने के दौरान सिलेथ्रिंग यानि रस्सी की मदद से हेलीकॉप्टर से उतरने का अभ्यास किया।
युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय सैनिकों ने अन-आर्मड कॉम्बैट यानि बिना हथियार के लड़ने की ड्रिल दिखाई। भारतीय सेना अब बिना हथियार के लड़ने के लिए खासा मशक्कत कर रही है। क्योंकि गलवान घाटी की हिंसा के दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच गन, राइफल और गोलियों से लड़ाई नहीं हुई थी बल्कि हाथ-पैर, डंडों और तेजधार हथियारों से एक दूसरे पर हमला किया था। इस दौरान अमेरिकी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की इस कला को बेहद करीब से देखा।
भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच होने वाली सालाना मिलिट्री एक्सरसाइज, ‘युद्धाभ्यास’ का ये 18वां संस्करण है जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों के साथ सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों और रणनीतियों का आदान-प्रदान करना है। एक्सरसाइज की शुरूआत 16 नवंबर को हुई थी और 2 दिसंबर को क्लोजिंग सेरेमनी है। भारत और अमेरिका की ज्वाइंट एक्सरसाइज को ‘युद्धाभ्यास’ नाम दिया जाता है।