पंचतत्व में विलीन हुए नैनीताल के नौजवान संजय बिष्ट, राजौरी में आतंकियों से लोहा लेते हुए थे शहीद

आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हुए देवभूमि उत्तराखंड के लाल 28 साल के संजय बिष्ट का पार्थिक शरीर शुक्रवार 24 नवंबर शाम को उनके पैतृव आवास नैनीताल जिले के रातीघाट गांव पहुंचा। मां और बहन संजय बिष्ट के पार्थिक शरीर से लिपटकर फूट-फूट कर रोई।

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जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में बुधवार शाम को आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में नैनीताल के संजय बिष्ट भी शहीद हो गए। Martyr Sanjay Bisht Nainital आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हुए देवभूमि उत्तराखंड के लाल 28 साल के संजय बिष्ट का पार्थिक शरीर शुक्रवार 24 नवंबर शाम को उनके पैतृव आवास नैनीताल जिले के रातीघाट गांव पहुंचा। मां और बहन संजय बिष्ट के पार्थिक शरीर से लिपटकर फूट-फूट कर रोई। संजय बिष्ट के परिजनों का हालत देखकर वहां हर किसी की आंखे नम थी। बेटे को तिरंगे में लिपटा देखकर मां ने अपनी सुध-बुध खो दी थी। वहां मौजूद परिजनों ने किसी तरह शाहिद के माता-पिता और बहनों को संभाल। अंतिम दर्शन के बाद गांव के ही श्मशान घाट में शहीद संजय बिष्ट का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार दिया गया।

बता दे, संजय बिष्ट 19 कुमाऊं 9 पैरा में तैनात थे। जम्मू-कश्मीर में बुधवार शाम से राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान वो घायल हुए थे। बिष्ट रामगढ़ के हली गांव के रहने वाले थे। संजय बिष्ट जिले के रातीघाट के हली गांव के निवासी थी। उनके आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद होने की खबर से पूरे गांव में मातम का माहौल है। संजय बिष्ट जम्मू कश्मीर के राजौरी में तैनात थे। गुरुवार सुबह आतंकियों के साथ मुठभेड़ में उनके शहीद होने की सूचना मिली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, नैनीताल एमएलए सरिता आर्या, डीएम नैनीताल वंदना सिंह ने भी उनकी शहादत पर शोक जताया है। वहीं, रजौरी आतंकी हमले में शहीद में भारतीय सेना के दो अफसर समेत पांच जवानों को देहरादून में उत्तराखंड सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने श्रद्धांजलि दी। शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार पूरी तरह से शहीदों के परिजनों के साथ है।