हल्द्वानी बनभूलपुरा भूमि अतिक्रमण मामले में HC से नहीं मिली राहत, आज हुई सुनवाई में जानिए क्या हुआ? 

हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में मलिक के बगीचे से अतिक्रमण हटाने के मामले में राहत देने वाली याचिका पर आज सुनवाई की। याचिकाकर्ता को किसी तरह की राहत नहीं दी।

Share

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में सरकार की नजूल भूमि में स्थित ‘मलिक के बगीचे’ में हुए अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई की। Hearing on Haldwani encroachment याचिकाकर्ता को किसी तरह की राहत नहीं दी और राज्य सरकार को मामले में छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने सरकार के जवाब पर याचिकाकर्ता से प्रति शपथपत्र पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 10 मई की तिथि नियत की है। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में मलिक के बगीचे से अतिक्रमण हटाने को लेकर नगर निगम के नोटिस को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट में अपील की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि नगर निगम हल्द्वानी की ओर से नियम विरुद्ध तरीके से ध्वस्तीकरण नोटिस दिया गया जबकि सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने बताया कि लीजधारक ने लीज की शर्तों का उल्लंघन किया।

सरकार की तरफ से अधिवक्ताओं ने कहा कि पूर्व में यह भूमि सरकार ने कृषि करने के लिए दस साल की लीज पर दी थी। जिसकी लीज समाप्त हो गई और इसका रिन्यूअल नहीं हुआ है। मामले के अनुसार सफिया मलिक (अब्दुल मलिक की पत्नी) ने याचिका दायर कर कहा है कि नगर निगम हल्द्वानी ने उन्हें 30 जनवरी 2024 को नोटिस देकर ‘मलिक के बगीचे’ से अतिक्रमण हटाने को कहा था। उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया, जो नोटिस दिया गया था वो एक प्रशासनिक नोटिस था, न कि किसी कोर्ट का। प्रशासन को ध्वस्तीकरण करने के आदेश देने का अधिकार नहीं है। ध्वस्तीकरण करने से पहले उन्हें पीपी एक्ट में नोटिस दिया जाना था, जो नहीं दिया गया। किसी भी नियमावली का पालन नहीं किया गया। इसलिए इस नोटिस पर रोक लगाई जाए। बता दे, इस अतिक्रमण को हटाने पर आठ फरवरी को बनभूलपुरा में बवाल हो गया था। आगजनी कर गाड़ियां फूंकी गई और पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। छह लोगों की मौत हुई है।