रुद्रप्रयाग: कपाट खुलने के बाद केदारनाथ धाम में भीड़ अधिक होने के कारण मंदिर समिति की ओर से तीर्थ यात्रियों को मंदिर के सभामंडप तक ही जाने की अनुमति दी गई थी। यहीं से वे स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन कर रहे थे। लेकिन, जुलाई में तीर्थ यात्रियों की संख्या घटने पर तीर्थ यात्रियों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दे दी गई। इसी बीच मंदिर के गर्भगृह का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया।
इस मामले को मंदिर समिति अध्यक्ष ने गंभीरता से लेते हुए मंदिर में तैनात कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश मुख्य कार्याधिकारी को दिए। साथ ही मंदिर समिति का जो भी कर्मचारी इसमें दोषी पाया जाए, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने केदारनाथ मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने और मंदिर के पास लॉकर रूम बनाने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. समिति ने मंदिर के अंदर मोबाइल समेत अन्य इलेक्ट्रानिक वस्तुएं ले जाने को पूरी तरह प्रतिबंधित करने का निर्णय भी लिया है।
मंदिर के भीतर केवल पूजा सामग्री ले जाने की ही अनुमति होनी चाहिए। इसके साथ ही ये मांग भी की गई है कि मंदिर के पास कुछ दूरी पर लॉकर रूम भी बनाया जाना चाहिए, ताकि तीर्थ यात्री वहां अपने मोबाइल समेत अन्य सामान को सुरक्षित रख सकें। समिति के अध्यक्ष अजेंद्र का कहना है कि गर्भगृह में दर्शन की अनुमति के बाद कुछ तीर्थ यात्री मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं। इसी को देखते हुए अब मंदिर मे मोबाइल फोन तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान लेकर जाना प्रतिबंधित है। वायरल वीडियो के मामले को गंभीरता से लेते हुए समिति के अध्यक्ष ने मंदिर में तैनात कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश मुख्य कार्याधिकारी को दिए थे। साथ ही कहा था कि मंदिर समिति का जो भी कर्मचारी इसमें दोषी पाया जाए, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।