देहरादून में पिछले एक दशक से लटका नई विधानसभा और सचिवालय भवन के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिल चुकी है। अब नया विधानसभा भवन और सचिवालय निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। देहरादून के रायपुर क्षेत्र में 60 हेक्टेयर भूमि पर विधानसभा, सचिवालय भवन और आधारभूत सुविधाओं के प्रस्ताव पर मिली केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
अब तक देहरादून सीडीओ के विकास भवन में होने वाले विधानसभा सत्र को कराया जाता है सत्र के लिहाज से यहां जगह कम है। जगह कम होने के चलते विधानसभा सत्र के दौरान लोगों को अनेकों दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आपको बता दे, मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की सरकार में यह प्रस्ताव तैयार किया गया था और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय वन मंत्रालय से प्रस्तावित जमीन पर निर्माण की मंजूरी मिल गई है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी और वहां निर्मित भव्य भवन की आखिरकार कौन सुध लेगा।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की अधिसूचना जरूर जारी कराई। लेकिन उनके कुर्सी से हटने के बाद यह अधिसूचना भी फाइलों में कैद हो गई। अहम बात यह है कि एक तरफ तो सियासी दल गैरसैंण का राग अलाप रहे थे तो अफसरशाही इसके पक्ष में नहीं रही। अफसरों ने दून में ही एक नया विधानभवन और सचिवालय भवन बनावाने की दिशा में काम तेज कर दिया। रायपुर में स्टेडियम के आगे खाली पड़ी वन विभाग की आठ सौ एकड़ जमीन के साठ हेक्टेयर भाग पर नए विस और सचिवालय भवन की फाइल चला दी। बताया जा रहा है कि सरकार ने इस जमीन की कीमत का कुछ पैसा वन विभाग को दे भी दिया है। मंजूरी के बाद वन विभाग को पूरा पैसा देकर यहां निर्माण भी शुरू हो जाएगा।