देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड की भूमिका में नजर आने वाले हाकम सिंह की आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सचिवालय रक्षक दल भर्ती मामले में एसटीएफ की प्रारंभिक जांच के बाद रायपुर थाने में गुरुवार देर शाम मुकदमा दर्ज किया है। जिसमें हाकम सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश के बाद पेपर लीक गिरोह से जुड़े मुख्य अभियुक्तों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी और उनकी संपत्ति भी जब्त होगी। इसके लिए एसटीएफ चार्जशीट दाखिल करने के बाद हाकम सिंह सहित मुख्य आरोपियों की अवैध रूप से अर्जित की गई चल-अचल संपत्ति का आकलन करने के बाद जब्ती करेगी।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक मामले के दोषियों की संपत्ति जब्त करने और गुंडा अधिनियम लगाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही, नये सिरे से चयन प्रक्रिया शुरू करने के भी आदेश दिये हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच में और तेज़ी लाई जाए और दोषियों को चिन्हित कर उनकी गिरफ्तारी करने के आदेश दिए हैं। अवैध संपत्ति को ज़ब्त करने और गैंगस्टर एक्ट के साथ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) में कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जिन परीक्षाओं में गड़बड़ी के साक्ष्य मिले हैं, उन्हें निरस्त कर नए सिरे से चयन प्रक्रिया शुरु की जाए और जो परीक्षाएं साफ सुथरे ढंग से चल रही हैं, उन्हें सुचारू रुप से समय पर संपन्न कराया जाए।
ममामले में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्होंने पहले ही इस बात के साफ संकेत दे दिए थे कि पेपर लीक मामले से जुड़े मुख्य आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर के तहत अवैध रूप से कमाई गई संपत्ति जब्त की जाएगी। ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा इस कार्रवाई पर मुहर लगते ही आगामी दिनों में इस पूरे प्रकरण पर चार्जशीट दाखिल होते ही पेपर लीक और अन्य भर्ती घोटाले से जुड़े मुख्य आरोपियों की अवैध तरीके से अर्जित की गई संपत्तियों का आकलन कर कानूनी प्रक्रिया के चल अचल संपत्ति जब करने की कार्रवाई सिलसिलेवार सुनिश्चित की जाएगी।