Rawat vs Rawat started once again in Uttarakhand Congress! Harish Rawat Uttarakhand Politics

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उत्तराखंड कांग्रेस के दिग्गज नेता हरक सिंह रावत व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच एक बार फिर से जुबानी जंग छिड़ गई है। 2016 में सरकार गिराने की घटना को लेकर दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर पलटवार किया। Harak Singh Rawat VS Harish Rawat पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने हरीश रावत की न्याय यात्रा पर निशाना साधा है। हरक सिंह रावत ने कहा कि न्याय यात्रा के दौरान हरीश रावत चुनाव न लड़ने और राजनीति से संन्यास लेने की बात तो कर रहे हैं। लेकिन राजनीति करने वाले व्यक्ति का भरोसा करना मुश्किल है। रावत ने साफ कहा कि 2009 से पहले हरीश रावत ने चुनाव ना लड़ने की गंगा के पास कसम खाई थी लेकिन क्या हुआ वो फिर भी चुनाव लड़े। अच्छा है 2022 मे भी हरीश रावत चुनाव ना लड़े होते तो उत्तराखंड मे कांग्रेस की सरकार होती। साथ में लालकुआं भी कांग्रेस की होती, रामनगर और सल्ट भी हम जीत जाते। वहीँ 2022 के विधानसभा चुनाव मे हरीश रावत कितने इलाकों मे चुनाव प्रचार के लिए गए यह भी सबने देखा है। मैंने पहले भी कहा था की मेरे और तेरे के चककर मे मत पड़ो राजनीति मे मेरा तेरा कुछ नहीं होता। हरीश रावत की न्याय यात्रा को लेकर बोलते हुए हरक सिंह रावत ने कहा इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, सरकार लाने वाली स्थिति नहीं आ सकेगी कहा जन नेता हरीश रावत लाखों और हजारों वोटो से हारे। चुनाव में जो जीता वो सिकंदर बीजेपी साम दाम दंड भेद करती है तो तुम्हें किसने मना किया। इंदिरा गाँधी जैसी आयरन लेडी को राजनारायण जैसे ने हरा दिया, इसलिए तो राजनारायण को जानते है वरना कौन जानता। राजनीति का सीधा फंडा है जो जीता वो सिकंदर फिर चाहे कितनी यात्रा निकाल लो। वही हरक सिंह रावत ने कहा की 2016 के मामले मे ना मै हरीश रावत को माफ़ कर पाया ना हरीश रावत ने मुझे माफ़ किया है।

उत्तराखंड में कांग्रेस की वापसी को लेकर काम कर रहे दोनों वरिष्ठ नेता आमने सामने है। हरक सिंह रावत के बयान पर अब पूर्व सीएम हरीश रावत ने पलटवार किया है। हरीश रावत ने कहा यदि मैंने ना कह दिया होता तो 2022 मे उन्हें कांग्रेस मे प्रवेश नहीं मिलता। गोदियाल जी का भरपूर आग्रह था जिसका मैंने सम्मान रखा। एक बार हरक सिंह रावत को एक सीट के लिए अपने पराक्रम का नजारा दिखाना चाहिए ताकि 2016 की कटुता कम हो सके। पूरे लोकसभा के चुनाव मे कही दिखाई नहीं दिए और जहाँ मुझे याद है जो उनके लोग निकट के बताते है वो नकारात्मक प्रचार कर रहें थे जिनके मै नाम भी बता सकता हूँ। मै उनकी लम्बी उम्र की कामना करता हूँ लेकिन उन्हें समझना होगा की धैर्य राजनीति मे बहुत जरुरी होता है। 2016 की बगावत के घाव को लेकर हरीश रावत ने साफ कहा की वक्त बड़े से बड़ा घाव भर देता है व्यक्ति पुत्र के हत्यारे को माफ़ कर देता है 2016 मे लोकतंत्र की हत्या हुई थी। उत्तराखंडियत की भी हत्या हुई थी लेकिन उस घाव को मै सीने मे रखकर के पीने के लिए तैयार हूँ। हरक सिंह से बस आग्रह है कही तो अपना हुनर दिखाओ। केदारनाथ मे भी जैसी उनसे अपेक्षा थी वो भी पूरा नहीं कर पाए ये सब बातें है उन्हें ये समझना होगा। हमारे दर्द को भी समझना होगा कहा आज कांग्रेस सत्ता से बाहर है तो 2016 की बगावत की वजह से पूरी प्रोसेस डिरेल हो गई और बीजेपी के लिए अवसर बना। आज बीजेपी सत्ता मे है तो उन्हें हर दिन ‘ हरक सिंहाय नम ‘ कहना चाहिए अगर हरक सिंह ना होते तो बीजेपी सत्ता मे कभी नहीं आती।