Know about the Nagaraja Rot tradition that has been going on for 100 years in Srinagar Garhwal

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श्रीनगर गढ़वाल के ग्राम उफल्डा में आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिला, जहां 100 वर्षों से चली आ रही सवा दोण यानी लगभग 40 किलो वजनी नागराजा रोट का धार्मिक अनुष्ठान इस वर्ष भी पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। Religious ritual of Nagraj rot weighing 40 kg हर साल की भाँति इस वर्ष भी ग्रामवासियों ने श्रद्धा और भक्ति के साथ नागराजा भगवान की पूजा-अर्चना की। विशेष रोट प्रसाद के रूप में नागराजा को अर्पित किया गया, जिसे बनाने और चढ़ाने की यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है।

यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि गांव के सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बन चुका है। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और रोट प्रसाद को ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। गांव के बुजुर्गों का मानना है कि यह रोट अनुष्ठान नागराजा भगवान की कृपा प्राप्ति और गांव की सुख-शांति के लिए किया जाता है। पीढ़ियों से चली आ रही इस परंपरा को गांववासी आज भी पूरी श्रद्धा और उत्साह से निभा रहे हैं। ग्राम उफल्डा की यह अद्वितीय धार्मिक परंपरा हमें हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ती है और आस्था की शक्ति का अहसास कराती है।