पहाड़ में स्वास्थ्य व्यवस्था की कमी आज भी है। इसी लचर स्वास्थ्य व्यवस्था का शिकार कई लोग हो चुके हैं और कई बार लोगों की जान खतरे में भी पड़ जाती है। ऐसा ही कुछ उत्तरकाशी में हुआ। Uttarkashi District Hospital News जिला अस्पताल से देर शाम 108 में एक गर्भवती को देहरादून के लिए रेफर किया गया था। रास्ते में करीब सात किमी आगे ही महिला को प्रसव पीड़ा हुई तो 108 कर्मियों ने महिला का सुरक्षित प्रसव करवाया। जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। बता दें कि जिला महिला अस्पताल से हर दिन दो से तीन गर्भवती महिलाओं को रेफर किया जा रहा है। दो दिन पूर्व डुंडा विकासखंड की एक प्रसव पीड़ा से परेशान महिला को पहले परिजन सीएचसी डुंडा ले गए, जहां से जिला अस्पताल रेफर किया गया।
वहां पर शाम को पांच बजे उसे रेफर किया गया, लेकिन उसे हायर सेंटर जाने के लिए रात्री में करीब 10 बजे एंबुलेंस मिल पाई। मिली जानकारी के अनुसार, भटवाड़ी विकासखंड के गोरशाली गांव की 21 वर्षीय गर्भवती सुषमा को उनके परिजन बुधवार शाम को प्रसव पीड़ा के चलते जिला महिला अस्पताल में लाए थे। तेज दर्द के कारण उन्हें करीब पौने नौ बजे अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ ने बताया कि यहां पर प्रसव नहीं हो सकता, इसलिए उन्हें हायर सेंटर भेजना पड़ेगा। रेफर होने के बाद 108 के माध्यम से महिला को भेजा गया। जैसे ही एंबुलेंस करीब सात किमी की दूरी पर बंदरकोट में रतूड़ीसेरा के समीप पहुंची, वैसे ही प्रसव पीड़ा तेज होने के कारण 108 कर्मियों ने उनका सुरक्षित प्रसव करवाया। उनके दूसरे प्रसव में बेटी ने जन्म लिया।