Uttarakhand Panchkedar Yatra: पंचकेदार में शामिल चमोली जिले में स्थित चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ धाम के कपाट ब्रह्ममुहूर्त में सुबह पांच बजे खोल दिए गए। वहीं रुद्रप्रयाग जिले में स्थित द्वितीय केदार भगवान मध्यमेश्वर धाम के कपाट आज सुबह कर्क लग्न में सुबह 11 बजे विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। अब आगामी 6 माह तक धाम में ही आराध्य की पूजा होगी।
पंच केदारों में से चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ ब्रह्ममुहूर्त में आज सुबह 5 बजे खोल दिए गए। इस दौरान करीब 400 तीर्थयात्रियों ने भगवान रुद्रनाथ के दर्शन किए। भगवान चतुर्थ केदार की चल विग्रह उत्सव डोली अपनी अंतिम पड़ाव ल्वींठी से शाम को रुद्रनाथ धाम पहुंच गई थी। रुद्रनाथ धाम में भगवान शिव के मुखारबिंद के दर्शन होते हैं। भक्तों की ओर से रुद्रनाथ मंदिर को चारों ओर से फूलों से सजाया गया है। इस बार रुद्रनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना का जिम्मा आचार्य पंडित हरीश भट्ट को सौंपा गया है।
भगवान मध्यमेश्वर की उत्सव डोली 15 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से रवाना हुई। डोली आज सुबह अपने आखिरी रात्रि प्रवास गौंडार गांव से बनातोली, खटारा, नानौ, मैखम्भा कूनचट्टी यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए मदमहेश्वर धाम पहुंची।भगवान मदमहेश्वर के कपाट 11 बजे कर्क लग्न में वेद ऋचाओं के साथ खोले गए। कपाट खुलने के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। इस दौरान मदमहेश्वर धाम को फूलों से सजाया गया।