चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित प्रसिद्ध फूलों की घाटी नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में आती है। इसकी खोज 1931 में हुई थी। ट्रेकर्स के लिए खुशखबरी है, फूलों की घाटी ट्रेक 1 जून 2022 पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। यहां इन दिनों आधा दर्जन से अधिक किस्मों के फूल खिल गए हैं। आम तौर से यहां फूल जून के महीने में खिलते हैं, लेकिन माना जा रहा है कि इस बार चूंकि बर्फ़ जल्दी पिघल गई है इसलिए फूल भी जल्दी खिलने लगे हैं। अगर आप ट्रेकिंग की योजना बना रहे हैं, तो 31 अक्टूबर से पहले अपना यह सपना पूरा कर लें क्योंकि उसके बाद यह ट्रेक बंद हो जाएगा।
आपको बता दे, यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया हुआ है। फूलों की घाटी में हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक आते हैं और यहां की सुंदरता का लुत्फ उठाते हैं। यह क्षेत्र ट्रेकिंग के लिए भी मशहूर है। यह घाटी 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है। यहां आपको फूलों की 500 से ज्यादा प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी। इसके अलावा दुर्लभ प्रजाति के पशु-पक्षी, जड़ी-बूटी और वनस्पतियां भी यहां पाई जाती हैं। बर्फ के पिघलने के साथ ही घाटी में फूलों के खिलने का सिलसिला शुरू हो जाता है।
चारधाम यात्रा के धार्मिक पर्यटन के बाद उत्तराखंड के प्राकृतिक पर्यटन के लिहाज़ से यह घाटी दुनिया भर में मशहूर है। इन दिनों घाटी में जो फूल खिले हैं, उनमें खास तौर पर पोटेटिला, वाइल्ड रोज़, मोरया लोगी, फूलीया, प्रिमुला सहित अन्य किस्मों के फूल शामिल हैं। जुलाई और अगस्त के महीने में फूलों की घाटी अपने यौवन पर आती है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ नंद बल्लभ शर्मा ने बताया कि इस साल वन विभाग घाटी के दीदार को आने वाले पर्यटकों को फूलों के बारे में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएगा। पिछले दो वर्षों से कोरोना के कारण यहाँ पर पर्यटक नही आ पा रहे थे उन्होंने इस बार रिकार्ड पर्यटकों के फूलों की घाटी पहुंचने की उम्मीद जताई।