उत्तराखंड में लागू हुआ यूनिफॉर्म सिविल कोड, जानिए क्या कुछ बदल गया?

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में इस संहिता की नियमावली और आधिकारिक पोर्टल (ucc.uk.gov.in) का लोकार्पण किया, जिससे राज्य में सभी नागरिकों को समान अधिकार सुनिश्चित किए गए हैं।

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उत्तराखंड में मंगलवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू कर दिया गया है। UCC In Uttarakhand मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में इस संहिता की नियमावली और आधिकारिक पोर्टल (ucc.uk.gov.in) का लोकार्पण किया, जिससे राज्य में सभी नागरिकों को समान अधिकार सुनिश्चित किए गए हैं। समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद राज्य में आदिवासी समुदाय को छोड़कर बाकी सभी व्यक्तियों के लिए नागरिक कानून एक समान हो गए हैं। इस कानून के तहत लैंगिक समानता पर विशेष जोर दिया गया है। शादी, तलाक, उत्तराधिकार, और लिव-इन रिलेशनशिप जैसे मामलों में अब सभी पर एक समान नियम लागू होंगे।

सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी से समाज में एकरूपता आएगी और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित होंगे। समान नागरिक संहिता प्रधानमंत्री द्वारा देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे महान यज्ञ में हमारे प्रदेश द्वारा अर्पित की गई एक आहुति मात्र है। समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है। इस मौके पर धामी मंत्रिमंडल के सभी सदस्य, यूसीसी समिति के सभी सदस्य, मुख्य सचिव समेत कई अधिकारी और विधायक मौजूद रहे। करीब 3 सालों की मेहनत और दिन रात काम करने के बाद आज यूसीसी लागू हो गया है।

शादी को लेकर क्या है नियम?

  • शादी के लिए पुरुष की न्यूनतम उम्र 21 साल और महिला की न्यूनतम उम्र 18 साल निर्धारित की गई है।
  • दोनों पक्षों को पहले से शादीशुदा नहीं होना चाहिए।
  • शादी की विधिक अनुमति देने के लिए मानसिक रूप से सक्षम होना जरूरी है।
  • शादी के संस्कार धार्मिक रीति-रिवाजों या कानूनी प्रावधानों के तहत जारी रहेंगे, लेकिन यह अनिवार्य होगा कि शादी के 60 दिनों के भीतर उसका रजिस्ट्रेशन करवा लिया जाए।