Uttarakhand BJP: भाजपा के बयानबीरों पर सख्त हुए प्रदेश अध्यक्ष, अनुशासन के दायरे में रहने की हिदायत

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लोकसभा चुनाव के बाद उत्तराखंड बीजेपी में खींचतान शुरू हो गई है। Clash In Uttarakhand Bjp भाजपा ने अपने ऐसे विधायकों और सीनियर नेताओं को तलब किया है जो कि पिछले दिनों से बयान या विवाद की वजह से पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं। इसमें दो विधायक, एक पूर्व विधायक, एक दायित्वधारी और एक कार्यकारिणी सदस्य शामिल हैं। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के साथ हुई बैठक में सभी पक्षों ने स्वीकारा है कि कुछ गलतफहमियां हुई थी जिन्हे भविष्य में नही दोहराया जाएगा। भाजपा ने पार्टी की अंदरूनी गतिविधियों को लेकर चल रही सभी को अनुशासन के दायरे में रहने की ताकीद की है। पार्टी मुख्यालय में हुई इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ने प्रत्येक मामले में दोनों पक्षों को आमने सामने बैठकर स्थिति स्पष्ट कराई। इस दौरान रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल, दायित्वधारी कैलाश पंत, टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश धन्ने एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री खेम सिंह चौहान ने अपना अपना पक्ष प्रस्तुत किया।

प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कुछ दिनों से समाचार पत्र एवं टीवी चैनलों में पार्टी की अंदरूनी गतिविधियों को लेकर जो चर्चा चल रही थी उसी संबंध में उनके द्वारा सभी पक्षों को बुलाया गया था। जिसमें सभी सभी को अपने विषयों को पार्टी के प्लेटफार्म पर रखने के लिए ताकीद किया गया है। साथ ही स्पष्ट किया कि अनुशासन के दायरे में रहकर ही सभी लोगों को पार्टी में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना है। संगठन में कोई नया व्यक्ति हो या पुराना, किसी भी तरह की सार्वजनिक बयानबाजी से बचते हुए उन्हे पार्टी नियमों के तहत ही अपनी बात को रखना है। उन्होंने हिदायत देते हुए कहा, अनुशासन के यह निर्देश उनके समेत पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं के लिए भी हैं, जिसका हम सबको पालन करना है। भट्ट ने बताया कि सभी पक्षों ने इस दौरान स्वीकार कि मुद्दे छोटे छोटे थे लेकिन गलतफहमी के कारण वे मीडिया में बढ़चढ़ कर सामने आए। सभी ने माना कि इन तमाम मामलों को आपस में बैठकर सुलझाया जा सकता था। लेकिन अब आमने सामने चर्चा के बाद ये सभी विषय समाप्त हो गए हैं।