उत्तराखंड में साइबर क्रिमिनल्स का मनोबल इतना बढ़ गया है कि अब वह अधिकारियों को भी निशाना बनाने से नहीं डरते। Cyber fraud in Uttarakhand हालिया मामला तो और भी चौंकाने वाला है, क्योंकि इस बार अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन के नाम पर प्रॉपर्टी डीलर से 8 लाख रुपये की डिमांड की। प्राॅपर्टी कारोबारी ने तो अपने कर्मचारी को बताए गए खाते में रकम जमा करने के लिए बैंक तक भेज दिया। इसी बीच अपर मुख्य सचिव को प्रकरण की जानकारी हुई। उन्होंने प्राॅपर्टी कारोबारी से संपर्क कर उसे ठगी का शिकार होने से बचाया। मिली जानकारी के अनुसार, स्टांप विभाग के एक अधिकारी के पास साइबर ठग ने फोन कर कहा कि वह अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन बोल रहे हैं। अधिकारी को फोन कर ठग ने हरिद्वार के एक प्राॅपर्टी डीलर के बारे में जानकारी ली। अधिकारी ने ठग की ओर से नंबर पूछे जाने पर प्राॅपर्टी कारोबारी का नंबर उपलब्ध करा दिया।
ठग ने प्राॅपर्टी कारोबारी को फोन कर कहा कि उनके चाचा अस्पताल में भर्ती हैं। उनके इलाज के लिए 8 लाख रुपये की जरूरत है। ठग ने खाता नंबर देकर रकम जमा कराने के लिए कहा। कारोबारी ने ठग को अपर मुख्य सचिव समझकर रकम जमा कराने के लिए अपने लेखाकार को बैंक में भेज दिया। इसी बीच किसी तरह यह जानकारी अपर मुख्य सचिव को लग गई। उन्होंने कारोबारी को रकम जमा कराने से रोका। अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया कि उन्होंने घटना की जानकारी एडीजी लॉ एंड आर्डर समेत हरिद्वार व देहरादून के एसएसपी को दे दी है। प्रारंभिक जांच में खाता सिलीगुड़ी, जबकि मोबाइल नंबर पटना का निकला है। पुलिस जांच कर रही है। ठग ने प्रदेश में कई अफसरों को भी फोन किए। उसने नैनीताल से लेकर पौड़ी तक में अफसरों को फोन कर रुपयों की मांग की।