त्यौहारी सीजन को लेकर उत्तराखंड वन विभाग ने उठाया कदम, वनकर्मियों की छुट्टियां रद्द

दीपावली के त्यौहार नजदीक है, ऐसे में वन्य जीवों की तस्करी बढ़ाने की संभावना है। इसलिए वन विभाग ने वनकर्मियों की छुट्टियों को रद्द कर कर दी है।

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दिवाली के जश्न के दौरान शिकारियों और कई कुख्यात गिरोहों के अतिसंवेदनशील दक्षिणी क्षेत्र व अन्य क्षेत्र से घुसने की आशंका ज्यादा रहती है। ऐसे में कॉर्बेट प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है। Forest Department Alert इसे देखते हुए विभाग के फील्ड कर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। केवल अपरिहार्य स्थिति में ही छुट्टी स्वीकृत की जाएगी। इसके साथ ही वन मुख्यालय ने राज्य की सीमाओं पर गहन चौकसी के निर्देश दिए हैं। बता दें चिंता इस बात की है कि जश्न के माहौल के बीच शिकारी या तस्कर जंगलों में ना आ धमकें। वही, प्रदेश में स्थित वन विश्राम गृहों के साथ ही सभी संरक्षित व आरक्षित वन क्षेत्रों के आसपास के होटल, रिसार्ट, गेस्ट हाउस नए साल के जश्न के मद्देनजर अभी से बुक हो चुके हैं। ऐसे में वन विभाग इस बात को लेकर परेशान है कि जश्न की आड़ में कोई वन एवं वन्यजीवों को नुकसान न पहुंचा डाले।

प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग संदीप कुमार ने बताया कि दीपावली के मद्देनजर उल्लू के अलावा अन्य वन्य जीव तस्करी की संभावना बढ़ जाती है। जिसको देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है। संवेदनशील जगहों पर वन कर्मियों को मुस्तैद रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा संवेदनशील जगहों पर कैमरा ट्रैप भी लगाए गए हैं, जिससे जंगलों में प्रवेश करने वाले लोगों की जानकारी जुटाई जा सके। इसके अलावा अवैध शिकार और अवैध पातन की भी संभावना बढ़ जाती है और वन विभाग के सभी बैरियर पर अतिरिक्त निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। बैरियर से गुजरने वाले सभी वाहनों को चेकिंग करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि दीपावली के त्यौहार के समय अंधविश्वास के चलते उल्लू की तस्करी के संभावना बनी रहती है।