उत्तराखंड में बारिश आफत बनकर बरस रही है। जो लोगों के लिए अब मुसीबत बनती दिख रही है। इस बार कुमाऊं के जिले भारी बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। Waterlogging in Kumaon division हर जगह जलभराव की स्थितियां पैदा हो गई हैं। खटीमा में हालातों को देखते हुए कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत, डीआईजी योगेन्द्र सिंह रावत ने बाजार, नगला तराई गांव, मेलाघाट जमौट, प्रतापपुर आदि क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने रेस्क्यू व राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा किसी को भी कतई परेशानी नहीं होने दी जायेगी, लोग संयम व धैर्य से काम लें, सभी को प्रशासन द्वारा राहत पहुंचाई जायेगी। मंडलायुक्त रावत ने डीएम उदयराज सिंह, एसएसपी मंजुनाथ टीसी, एसडीएम रविंद्र बिष्ट, एनडीआरएफ से राहत और बचाव कार्यों की पूरी जानकारी ली।
मंडलायुक्त ने कहा कि वर्षाकाल में सांपों के काटने का भय रहता है, इसलिए चारपाई में व ऊचे स्थानों पर सोएं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को चिकित्सालयों में एंटी स्नेक वैनम पर्याप्त मात्रा में रखने और जलजनित बीमारियों की दवा भी पर्याप्त मात्रा में रखने के निर्देश दिए। प्रदेशभर में लगातार हो रही बारिश के बीच सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने अपील की है कि सुरक्षा के मद्देनजर मौसम का रुख देखकर ही यात्रा करें। संबंधित जिला प्रशासन से जारी एडवाइजरी का जरूर पालन करें।सचिव आपदा प्रबंधन विनोद सुमन ने बताया कुमाऊं क्षेत्र में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। प्रदेश में भारी वर्षा के कारण अब तक 387 सड़के बंद हैं जिनमें से 62 सड़कें खोल दी गई हैं। गढ़वाल मंडल के अंतर्गत सभी जनपदों में बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बड़ा है लेकिन फिलहाल कोई खतरे की बात नहीं है।