उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में 117 दिनों से भारत-चीन सीमा के साथ ही दारमा, व्यास व चौदास घाटी को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कें बंद हैं। हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही बंद सड़कों को खोल दिया जाएगा। इस सड़क पर आवाजाही के लिए जरूरी पुल का निर्माण अंतिम चरण में है। इसके बनने के बाद ही सड़क पर आवाजाही संभव है।
बीते 17 जून को भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली सोबला-दर-तिदांग सड़क आपदा की भेंट चढ़ गई थी। कई जगह सड़क का नामोनिशान मिट गया है। साथ ही इस सड़क पर आवाजाही के लिए बेहद जरूरी कनज्योति वैली ब्रिज पूरी तरह से टूट गया था। सड़क निर्माण की कार्यदाई संस्था बीआरओ व सीपीडब्लूडी ने सड़क निर्माण का कार्य लगभग पूरा कर लिया है।
बीआरओ की तरफ से कनज्योति पुल तैयार किया जा रहा है, जिसका निर्माण अंतिम चरण में है। इन हालातों में जल्द सड़क खुलने की उम्मीद जगी है। प्रदेश के पर्वतीय जिलों में बरसात के बाद हुए भूस्खलन से कई सड़कें व रूट बंद हैं। ऐसे में ग्रामीणों की मुश्किलों में बढ़ गईं हैं। नोडल एजेंसी की ओर से बंद सड़कों को खोलने का काम लगातार किया जा रहा है, लेकिन पहाड़ों पर खराब मौसम अकसर मुसीबत बन जाता है।